नीतीश के चौधरी बनाम तेजस्वी के चौधरी- ‘अच्छे चौधरी’,’बुरे चौधरी’

बिहार विधान सभा 2020 के गठन के बाद से राज्य की सियासत में चौधरी नामधारी खासे चर्चा में हैं. सरकार बनते ही मेवा लाल चौधरी शिक्षा मंत्री बने. भ्रष्टचार के आरोपों की ताब न ला कर मेवा लाल चौधरी की कुर्सी चली गयी. फिर अशोक चौधरी नमुदार हुए. शिक्षा मंत्री बन कर. उन पर सीधे तो कोई आरोप नहीं था. पर उनकी पत्नी के ऊपर बैंकों से लेनदेन के मामले में फरजरी के आरोप निकल गये.

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Irshadul Haque, Editor naukarshahi.com

राजद ने पहले तो मेवा लाल चौधरी पर निशाना साध. फिर इतना धारदार हमला किया कि नीतीश सरकार को मजबूरन मेवा लाल चौधरी का इस्तीफा लेना पड़ा. फिर बारी आयी अशोक चौधरी की. अशोक चौधरी कांग्रेस छोड़, जदयू में शामिल हुए थे. नीतीश की आंखों के तारा बन गये. राजद नेता तेजस्वी यादव ने अशोक चौधरी पर भी लगातार हमला किया. अशोक चौधरी ने पत्नी के ऊपर लगे आरोपों पर कहा- इट्स नॉट अ बिग डील. साथ ही कहा हम अदालत में जवाब देंगे. उनके ऊपर लगे आरोपों पर हम अपना पक्ष रखेंगे.

myneta.info के आंकड़ों के अनुसार अवध बिहारी चौधरी ( Awadh BIhar Chaudhary) पर मुजफ्फरपुर स्पेशल कोर्ट में सम्पत्ति से संबंधित लेनदेन के मामले में केस दायर है. उन पर 420, 467, 468, 472, 477 ए, 120 बी से जुड़े मामले दर्ज हैं. अवध बिहारी चौधरी ने पटना हाई कोर्ट में कॉगनिजेंस के खिलाफ अपील दायर कर रखी है.

मामला विवादों में था ही कि एक तीसरे चौधरी राजनीतिक पटल पर अचानक नमूदार हुए. इत्तेफाक से ये चौधरी ( Awadh Bihar Chaudhary) अवध बिहारी चौधरी हैं. राजद के सीनियर व प्रतिष्ठित नेताओं में शुमार हैं. सीवान से हैं. छठी बार विधायक बने हैं. इससे पहले राजद शासनकाल में मंत्री भी रह चुके हैं.

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अवध बिहारी चौधरी इसलिए चर्चा में आयें हैं कि उन्हें तेजस्वी यादव की पहल पर विधान सभा अध्यक्ष की कुर्सी का महागठबंधन का उम्मीदवार बनाया गया है. अवध बिहारी चौधरी की टक्कर भाजपा के विजय कुमार सिन्हा से है. विजय कुमार सिन्हा भी सामाजिक तौर पर चौधरी ही हैं. हां उनके नाम में चौधरी सरनेम नहीं है. इत्तफाक या संयोग देखिए कि इससे पहले भी जो विधान सभा अध्यक्ष थे वह भी बाजाब्ते सरनेम और सामाजिक स्तर पर चौधरी ही थे. नाम है विजय कुमार चौधरी.

अब आइए राजद के चौधरी की बात कर लेते हैं.

राजद के विधान सभा अध्यक्ष के उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी हैं. वह सीवान से हैं. छठी बार विधायक बने. पहले मंत्री रह चुके हैं. एडीआर(Association of Democratic Reform) से संबंधित वेबसाइट myneta.info के आंकड़ों के अनुसार अवध बिहारी चौधरी पर मुजफ्फरपुर स्पेशल कोर्ट में सम्पत्ति से संबंधित लेनदेन के मामले में केस दायर है. उन पर 420, 467, 468, 472, 477 ए, 120 बी से जुड़े मामले दर्ज हैं. अवध बिहारी चौधरी ने पटना हाई कोर्ट में कॉगनिजेंस के खिलाफ अपील दायर कर रखी है.

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