भाजपा के लिए एक और बुरी खबर है। फैजाबाद (अयोध्या) में वह लगातार पिछड़ रही है। यहीं के भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह ने अहंकार में कहा था कि भाजपा 400 सीट जीतेगी और संविधान को बदल देगी। लल्लू सिंह के इस अहंकारपूर्ण घोषणा के बाद संविधान बचाओ बड़ा और प्रमुख मुद्दा बन गया। आज खबर लिखे जाने तक सपा के दलित प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने उन्हें 40 हजार वोटों से पीछे धकेल दिया है। सपा यहां लगातार बढ़त बनाए हुए है।
अयोध्या भाजपा और संघ तथा मोदी और योगी की प्रयोगशाला भी थी। यहां इसी वर्ष आधे-अधूरे राम मंदिर का उद्घाटन करके खूब प्रचारित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने राममंदिर का उद्घाटन किया और इसे बड़ा इवेंट बनाया गया। चुनाव की घोषणा के बाद फिर प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे और उन्होंने लंबा रोड शो किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर महीने जाते रहे। कभी दीया जलाने का विश्व रिकॉर्ड बनाने का दावा किया गया, कभी राम को लाने का। भाजपा को उम्मीद थी कि राम मंदिर बड़ा मुद्दा बनेगा और इसके कारण उसकी चुनावी नैया पार लग जाएगी, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा।
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उप्र में अखिलेश ने मोदी-योगी को चटा दी धूल
उधर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने फैजाबाद से अवेधश प्रसाद को प्रत्याशी बनाया, जो दलित हैं। इसी लोकसभा क्षेत्र के तहत विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। दलित प्रत्याशी को खड़ा करके सपा ने बड़ा दांव चला, जो सफल भी रहा। यहां दलितों की एकजुटता बनी। मायावती का जनाधार भी लगभग पूरी तरह सपा के साथ आ गया। सपा का अपना आधार तो था ही। इसके अलावा रोजी-रोटी का सवाल उठाया। अयोध्या में चौड़ी सड़कें, एयरपोर्ट बनाकर भाजपा ने सोचा कि उसकी जीत हो जाएगी, लेकिन आम जनता चौड़ी सड़कों और बड़ी-बड़ी गाडियों के चकाचौंध में फंसने से रही। अयोध्या ने भाजपा और संघ तथा मोदी और योगी को बड़ा सबक दिया है।