बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक श्री पाठक के कारण लोकतंत्र की जीत
बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक एपी पाठक के प्रयास से चनपटिया नगर परिषद में लोकतंत्र की जीत। ट्रस्ट का उद्देश्य-लोकतंत्र के साथ सबको न्याय व विकास में भागीदारी।
बाबु धाम ट्रस्ट के कार्यकर्ता चंद्रमोहन जी की पत्नी किरण देवी नगर परिषद् चनपटिया के चैयरमैन के रूप में शपथ ग्रहण किया। पूर्व चैयरमैन का बहुमत नहीं होने के बाद ट्रस्ट कार्यकर्ता चंद्रमोहन जी की पत्नी बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक और पूर्व नौकरशाह एपी पाठक की असीम कृपा से चैयरमैन बने।
आपको बताते चले की पूर्व चैयरमैन को जिले के गणमान्य व्यक्तियों और राजनेताओं का संरक्षण प्राप्त था। फलस्वरुप पार्षद उपेक्षित हो गए थे। उनकी ना तो किसी योजनाओं में पूछ होती थी ना ही किसी विषय में राय ली जाती थी। विपक्षी काफी प्रभावी था और फलस्वरुप उसके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कार्यपालक पदाधिकारी नहीं कराते थे।
पार्षदों का एक दल इस विषय में जिले के कई गणमान्यों और जनप्रतिनिधियों से मिला परन्तु किसी ने इस संदर्भ में पार्षदों की मदद नहीं की। हार-थक कर पार्षदों का दल बाबु धाम ट्रस्ट के कार्यकर्ता चंद्रमोहन जी के नेतृत्व में संस्थापक एपी पाठक जी से मिल अपनी समस्या बताया जिसका संज्ञान पाठक जी ने लिया।
बाबु धाम ट्रस्ट की स्थापना का उद्देश्य ही “लोकतंत्र के साथ सबको न्याय और विकास में भागीदार बनाने की रही है ” फलस्वरुप पाठक जी ने विरोधियों की परवाह ना करते हुए उपेक्षित पार्षदों के लिए राज्य के बड़े बड़े पदाधिकारीयों के समक्ष इस मसला को उठाया।एक तरफ विपक्षी को संरक्षण दे रहे गणमान्य राजनेता दूसरी तरफ़ उपेक्षित पार्षदों के हित के लिए खड़े एपी पाठक जी।
अन्ततः एपी पाठक जी के प्रयास से राज्य सरकार ने कार्यपालक पदाधिकारी चनपटिया के मर्जी के विरुद्ध पाठकजी की तत्परता से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और पुनः मतदान कराने का निर्देश दिया। फलस्वरुप ट्रस्ट के कार्यकर्ता की पत्नी पाठक जी के प्रसादोप्रयंत चैयरमैन बनीं।
आपको बताते चलें कि एपी पाठक जी ने अपने ट्रस्ट के माध्यम से गरीबों की सेवा के साथ साथ चंपारण में न्याय और लोकतन्त्र बहाली हेतु बहुत काम किए। दबंगों से कमजोरों की रक्षा हो या भू माफियाओं के चंगुल से गरिबों की कब्जा जमीन को वापस दिलाना अथवा अपहरण, फिरौती आदि की रोकथाम हेतु गृह मंत्रालय भारत सरकार में सेवारत रहते एसएसबी कैंप की स्थापना कराना आदि बहुत से कार्य किए और यह अनवरत जारी है।