बड़ा सवाल : नीतीश की नालंदा यात्रा से RCP ने क्यों बनाई दूरी ॉ
नीतीश कुमार कई दिनों से नालंदा के गांव-गांव घूम रहे हैं। इसे जिले के केद्रीय मंत्री RCP एक दिन के लिए भी साथ नहीं दिखे। RCP के साथ दिख रहे भाजपा समर्थक।
कुमार अनिल
नालंदा नई युद्ध भूमि बन गया है। आज फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिले में थे। वे आज बिहारशरीफ शहर के विभिन्न मुहल्लों में लोगों से मिले। वे हिंदुओं की आस्था के केंद्र बाबा मणिराम का अखाड़ा पहुंचे और फिर मुस्लिमों के बड़े केंद्र मखदूम साहिब की मजार पर भी गए। उन्होंने महत्वपूर्ण बात कही कि आपस में प्रेम बनाए रखें। यहां यह याद रखना जरूरी है कि दो दिन पहले रामनवमी पर बिहारशरीफ में भी एक खास समुदाय के खिलाफ खूब उग्र नारे लगाए गए थे। रामनवमी के उस जुलूस में आरसीपी सिंह के समर्थक भी बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे थे, जबकि आज जब मुख्यमंत्री आपसी भाईचारे की बात कर रहे थे, तब आरसीपी समर्थक साथ खड़े नहीं दिखे।
नालंदा के वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार मयंक ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतने दिनों से जिले में जन संवाद यात्रा कर रहे हैं, तमाम विधायक, सांसद शामिल हो रहे हैं, लेकिन आरसीपी सिंह एक दिन भी शामिल नहीं हुए। चकित करने वाली तो यह है कि जब मुख्यमंत्री हिंदू-मुस्लिम भाईचारा बनाने की बात कर रहे थे, तब आरसीपी सिंह अपने गांव में राम मंदिर की आधारशिला रख रहे थे। अरुण कुमार मयंक बताते हैं कि आरसीपी के कार्यक्रमों में भाजपा समर्थक सक्रियता से शामिल हो रहे हैं। दो दिन पहले रामनवमी के जुलूस में आरसीपी समर्थक सक्रिय थे, पर वे लोग आज मुख्यमंत्री के साथ कहीं नजर नहीं आए।
मयंक ने कहा कि आरसीपी की मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों से दूरी चर्चा का विषय बना है। लोग कह रहे हैं कि वे वैचारिक रूप से भाजपा के करीब दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजगीर में भी मुख्यमंत्री हिंदू धार्मिक केंद्रों के साथ मुस्लिम धार्मिक केंद्र पर भी गए। उन्होंने राजगीर की एक मजार पर चादर भी चढ़ाई।
इसी के साथ अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या वे इस बार राज्यसभा में भाजपा कोटे से जाएंगे? जिले के अन्य लोगों ने भी कहा कि आरसीपी खेमा बिल्कुल अलग ढंग से काम कर रहा है और उसकी भाजपा से करीबी ज्यादा दिख रही है, जबकि जदयू अपेक्षाकृत स्वतंत्र ढंग से काम कर रहा है। लोग मान कर चल रहे हैं कि जल्द ही कुछ बड़ी बात होनेवाली है।
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