बड़ी खबर : मुस्लिमों के खिलाफ नफरत का मामला UN पहुंचा
धर्म संसद के नाम पर 20 लाख मुस्लिमों के कत्लेआम का आह्वान अब संयुक्त राष्ट्र पहुंच गया है। यूएन के पूर्व विशेष सलाहकार ने कहा-UNSC हस्तक्षेप करे।
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उत्तराखंड में धर्म संसद के नाम पर 20 लाख मुस्लिमों के कत्लेआम का आह्वान, हथियार खरीदने और ज्यादा बच्चे पैदा करने, प्रभाकरण जैसा बनने पर करोड़ रुपए देने जैसी नफरती बातें अब संयुक्त राष्ट्र पहुंच गया है। UN के पहले विशेष सलाहकार जुआन ई मेंडेज ने भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाने पर गहरी चिंता जताते हुए UNSC से हस्तक्षेप की अपील की है।
जुआन ई मेंडेज 2004 से 2007 तक दुनिया में नरसंहार रोकने के प्रयासों के लिए यूएन के विशेष सलाहकार रह चुके हैं। उनकी नियुक्ति तब के सेक्रेटरी कोफी अन्नान ने की थी। फिलहाल वे अमेरिकी विवि में मानवाधिकार मामलों के प्राध्यापक हैं। अलजजीरा न्यूज से बात करते हुए उन्होंने भारत की स्थिति को खतरनाक कहा।
दरअसल एक वीडियो दुनियाभर में देखा गया और इस वीडियो के संदर्भ में यूएन के कई विशेषज्ञों ने यूएन की चर्चा में इसे उठाया। उस वीडियो में एक तथाकथित साध्वी अन्नापूर्णा कह रही है कि अगर सिर्फ 100 लोग योद्धा बनने को तैयार हों और 29 लाख मुस्लिमों का कत्लेआम कर दें, तो हमारी जीत हो जाएगी। अलजजीरा लिखता है- यूऩ के congressional briefing में जेनोसाइड वॉच के संस्थापक ग्रेगोरी स्टेनटन ने यह मुद्दा उठाया। कई विशेषज्ञों ने खतरे से आगाह किया।
नरसंहार रोकने के लिए यूएन के पूर्व सलाहकार मेंडेज ने कहा, भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ माहौल पहले से है। ऐसे में इस आह्वान का कोर्य रूप देने में कुछ लोग आगे आ सकते हैं। उन्होंने अलजजीरा को दिए लंबे इंटरव्यू में भारत की स्थिति पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा- इस तरह के नफरत पर मोदी सरकार को तुरत कार्रवाई करनी चाहिए।
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