बदनाम रेडलाइट एरिया की महिलाएं अपने हुनर से बदल रहीं तस्वीर
मुजफ्फरपुर रेडलाइट एरिया अब नई पहचान हासिल कर रहा है। उनके हुनर की तारीफ बिहार सरकार के उद्योग विभाग ने भी की है। जानिए क्या-क्या बना रहीं-
दीपक कुमार, बिहार ब्यूरो चीफ
मुजफ्फरपुर शहर का बदनाम रेडलाइट एरिया अब तक खराब चीजों के लिए अक्सर बदनाम रहा है, लेकिन अब इसकी छवि बदलने का जिम्मा यहां की महिलाओं ने सम्भाल लिया है। महिलाओं के इस अच्छे काम की सराहना उद्योग विभाग ने भी की है। यही वजह है कि इस वोकल फार लोकल अभियान को अब उद्योग विभाग गति देगा।
यहां महिलाएं एक समूह में दुकान से बचे कपड़े लाकर लेडिज रेडीमेड वस्त्र तैयार कर रही हैं। अब उद्योग विभाग रेडिमेड क्लस्टर बना कर उनको समाज की मुख्यधारा से जोड़ेगा। इससे उन्हें रोजगार का अवसर मिलेगा।
जिला उद्योग विभाग रेडीमेड क्लस्टर विकसित कर महिलाओं को जोड़ेगा
रोजगार का अन्य विकल्प
उद्योग विभाग के जिला महाप्रबंधक धर्मेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने जौहरा गली मेें जाकर वहां संचालित महिलाओं के समूह से संवाद किया। उनके काम को देखा। जोहरा संर्वद्धन स्वयं सहायता समूह में 12 महिलाएं शामिल हैं। समूह की अध्यक्ष अमरूल निशां, सचिव शमीमा खातून व कोषाध्यक्ष शमीमा खातून है। शमीमा ने बताया कि बचे कपड़े को जमा करने के बाद जोहरा सिलाई सेंटर में महिलाएं वस्त्र तैयार करती हैं। थान से बचा कपड़ा सस्ता में मिल जाता है। उद्योग विभाग से समन्वय बनाने वाली परचम संगठन की सचिव नसीमा खातून ने बताया कि इस समूह को पूर्ण रूप से सक्रिय करने के लिए जिला उद्योग केंद्र व राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन व जीविका के अधिकारी से मिलकर पहल की गई है।
रेडीमेड क्लस्टर का निर्माण
उद्योग महाप्रबंधक ने कहा कि महिलाएं बेहतर कर रही हैं। उनको तकनीकी व बैंक से जोड़कर सहयोग किया जाएगा। वहां पर रेडीमेड क्लस्टर का निर्माण हो, इस दिशा में पहल शुरू कर दी गई है। बताया कि यह जिले का एक माडल समूह बन जाएगा। एक विशेष समुदाय के लोगों का यह समूह जो उत्पादन करेगा, उसको बाजार दिलाने का काम विभाग करेगा। महिलाओं को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए कई योजना चल रही। वह बैंक से समूह को जोडेंग़े, ताकि उनको आर्थिक सहायता मिले।
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