भारत के प्रधानमंत्री पद की गरिमा को ताक पर रख कर जहां नरेंद्र मोदी ने मुस्लिमों को घुसपैठिया कहा, वहां भाजपा लगभग ढाई लाख वोट से चुनाव हार गई। प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में 21 अप्रैल को कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में सरासर झूठ बोला था। कहा था कि कांग्रेस ने घोषणापत्र में कहा है कि वह आपके गोल्ड की जानकारी लेगी और उसे ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले घुसपैठियों को दे देगी। उनके इस बयान की काफी आलोचना हुई थी। चुनाव आयोग से भी शिकायत की गई थी, जिस पर आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन अब जनता ने फैसला दे दिया है।
अब चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी की सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश न सिर्फ फेल हो गई, बल्कि उल्टा पड़ गई। यहां भाजपा उम्मीदवार महेंद्रजीत सिंह मालवीय को भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के राज कुमार रोत ने 2,47,054 वोटों के अंतर से हरा दिया। राज कुमार रोत 31 वर्ष के युवा हैं, जिन्होंने भाजपा के बड़े नेता मालवीय को हरा दिया।
राजद ने कहा कि मोदी ने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को तार-तार करते हुए बांसवाड़ा में अपने जीवन का सबसे घृणित और घटिया भाषण दिया। यहां उन्होंने मुस्लिमों को घुसपैठिया, कई बच्चों वाले लोग कहा, जिनकी नजर हिंदू महिलाओं के मंगलसूत्र पर है। बांसवाड़ा में भाजपा 2लाख 47 हजार से हारी। यह जनादेश मोदी की जहरीली सोच एवं सांप्रदायिक जहर के खिलाफ है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में पूरी ताकत लगा दी थी। अधूरे राम मंदिर का उद्घाटन किया और दिन-रात टीवी चैनलों ने इसे गेम चेंजर बताने की कोशिश की। उसी अयोध्या (फैजाबाद) में भाजपा के लल्लू सिंह को सपा के अवधेश प्रसाद ने पराजीत कर दिया। लल्लू सिंह ने अहंकार में कहा था कि 400 सीट जीतने पर हम संविधान बदल देंगे। यहां सपा के दलित प्रत्याशी ने प्रधानमत्री मोदी के प्रत्याशी को लगभग 55 हजार वोट से हरा दिया।