तेजस्वी यादव के मछली खाने को लेकर विवाद करने वालों पर गुरुवार को RJD ने जबरदस्त तंज कसा। कहा, बीफ कंपनी से चंदा लेनेवाले मछली पर ज्ञान दे रहे हैं। मालूम हो कि इलेक्टोरल बॉन्ड के खुलासे के बाद यह तथ्य सामने आया कि भाजपा ने बीफ एक्सपोर्ट करनेवाली कंपनी से चंदा लिया है। उधर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा जो गौ माता की और गौ पूजन की बात करते हैं, वो गौमांस बेचने वाली कम्पनी से चंदा लेते हैं, ऐसे लोगों को उखाड़ कर फेंक दो।
राजद ने बिना नाम लिए भाजपा पर बीफ कंपनी से चंदा लेने का आरोप लगाया। उसने एक खबर भी शेयर की, जिसमें लिखा है-बीफ बेचनेवालों से चंदा, कोविशील्ड बनानेवाले से चंदा, रेमडेसिविर बनाने वाले से चंदा, सुरंग बनाने वाले से चंदा, लॉटरी खेलाने वालों से चंदा ये कैसा अमृत काल है।
इस बीच राजद प्रवक्ता नेचितरंजन गगन ने कहा कि भाजपा द्वारा कराए गए आन्तरिक सर्वे में मिले फीडबैक से उसके नेता काफी हताश और निराश हो चुके हैं। भाजपा द्वारा कराए गए आन्तरिक सर्वे में राष्ट्रीय स्तर पर उसे और उसके गठबंधन को मिलाकर दो सौ से भी कम सीटें मिल रही है। बिहार में तो कांटे के संघर्ष के बीच दो अंकों में पहुंचना भी एनडीए गठबंधन को मुश्किल दिख रहा है। प्रथम चरण में हीं वह चारों सीटें हारने जा रही है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि बिहार के लोगों में एनडीए की बिहार और केन्द्र दोनों के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। बिहार की जनता एनडीए प्रत्याशियों से केन्द्रीय सरकार के दस वर्षों का और बिहार की डबल इंजन सरकार से पिछले सत्रह वर्षों का हिसाब खोज रहे हैं। जिसकी वजह से एनडीए उम्मीदवार लोगों की भीड़ देखकर अपनी राह बदल दे रहे हैं।
मछली, संतरे के बाद तेजस्वी ने फिर नौकरी-रोजगार पर PM को घेरा
आज राजद कार्यालय में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बिहार प्रभारी मोहन प्रकाश का स्वागत किया गया। मोहन प्रकाश के साथ प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदनमोहन झा भी थे।
मोहन प्रकाश का जगदानंद सिंह से पुराना सम्बन्ध रहा है। छात्र राजनीति और युवा राजनीति के दिनों में काफी दिनों तक समाजवादी विचारधारा से जुड़े दोनों नेताओं का सम्बन्ध बनारस और बीएचयू से रहा है। मुलाकात के दौरान बिहार में अधिक से अधिक सीटों पर महागठबंधन की जीत सुनिश्चित करने की रणनीति पर विमर्श किया गया और विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों से मिल रहे फीडबैक को महागठबंधन उम्मीदवारों के काफी अनुकूल बताते हुए अधिक से अधिक सीटों पर महागठबंधन की जीत की संभावना व्यक्त की गई।