बेगूसराय : नीतीश के बाद मांझी बोले, नागपुर कनेक्शन की जांच हो

सीएम नीतीश कुमार ने कल कहा बेगूसराय गोलीकांड सिर्फ पिछड़े-अल्पसंख्यक इलाके में ही हुए। अब जीतनराम मांझी ने किया धमाका, बोले, नागपुर कनेक्शन की जांच हो।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बेगूसराय में अंधाधुंध फायरिंग करके 11 लोगों को घायल करने पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि घटना के पीछे आरएसएस की साजिश बी हो सकती है। इसीलिए घटना के पीछे नागपुर कनेक्शन की भी जांच होनी चाहिए। मांझी ने कहा-बेगूसराय गोलीकांड के “नागपुर” कनेक्शन की जांच होनी चाहिए। नई सरकार को अस्थिर करने के लिए विपक्षी दल के नेता “बेगूसराय गोली कांड” मॉडल का इस्तेमाल कर सकते हैं। मैं @NitishKumar से आग्रह करता हूं कि अविलंब उक्त मामले का संज्ञान लेते हुए राज्य में अलर्ट जारी करें।

इससे पहेल कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेगूसराय कांड पर कहा कि इसके पीछे साजिश भी हो सकती है। 20 किमी के क्षेत्र में जहां फायरिंग की गई, वह पिछड़ा-अल्पसंख्यक बहुल इलाका है। इसके पीछे साजिश भी हो सकती है। सभी पहलुओं की जांच होगी। मुख्यमंत्री के बयाने के बाद और भी सवाल उठे कि आखिर इसी इलाके में इतनी बड़ी घटना को क्यों अंजाम दिया गया। सवाल यह भी है कि इस क्षेत्र में फायरिंग का उद्देश्य क्या हो सकता है। किसी से लूट-पाट भी नहीं की गई। साफ है फायरिंग के पीछे दहशत फैलाना कारण था। लेकिन मकसद क्या था, क्या सरकार को बदनाम करना?

बेगूसराय कांड पर मुख्यमंत्री के बयान के बाद भाजपा के सुर बदल गए हैं। पहले इसके कई नेताओं ने कहा था कि देखिए, बिहार में जंगल राज आ गया। अब कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री इस घटना के पीछे साजिश क्यों देख रहे हैं। कई लोग इस घटना को मानसिक रोगियों का कृत्य मान कर महत्व नहीं देने की बात करने लगे हैं।

जदयू और राजद समर्थकों ने कहा कि जिस दल के लोग कोलकाता में खुलेआम आगजनी कर रहे हैं, पुलिस अधिकारी को पीट रहे हैं, वे कुछ भी कर सकते हैं। एक समर्थक ने कहा कि जिस दल के समर्थक धार्मिक स्थलों में अवांछित चीज फेक कर किसी दूसरे पर आरोप लगा सकते हैं, वे कुछ भी कर सकते हैं। जो भी हो, पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बयान के बाद अब जंगल राज का शोर मचानेवाले बैकफुट पर आ गए हैं।

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