बंगाल में ED की टीम पर हमला, क्या राष्ट्रपति शासन लगेगा?
बंगाल में ED की टीम पर हमला, क्या राष्ट्रपति शासन लगेगा? ईडी टीम ने TMC के प्रखंड स्तर के नेता के घर छापा मारा था। राज्यपाल ने दी चेतावनी।
बंगाल में ED की टीम पर 200-250 लोगों की भीड़ ने शुक्रवार को हमला कर दिया। ईडी के वाहन में तोड़फोड़ की गई। इसके बाद राजनीति गरमा गई। भाजपा ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। पार्टी ने हमले के पीछे रोहिंग्या मुसलमानों का हाथ बताया है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि संविधान के अनुसार कार्रवाई होगी।
ईडी की टीम शुक्रवार को 24 परगना स्थित संदेशखाली में टीएमसी नेता शाहजहां शेख तथा शंकर आध्या के यहां छापा मारने पहुंची। यह छापा राशन घोटाले में संलिप्त होने की आशंका में मारा गया था। जब ईडी की टीम पहुंची और दरवाजा खुलवाना चाहा तो नहीं खोला गया। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक जब दरवाजा नहीं खुला तो ईडी टीम ने दरवाजे को तोड़ने की कोशिश की। इसके बाद भीड़ जमा हो गई तथा उसने हमला बोल दिया।
हमले की खबर के बाद राज्यपाल ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए एक वीडियो संदेश जारी किया। कहा कि अशांति रोकना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। अगर राज्य सरकार जिम्मेदारी निभाने में विफल रहती है, तो संविधान के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इधर भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि हमले के पीछे रोहिंग्या मुसलमान और टीएमसी के गुंडे हैं।
इस बीच शुक्रवार को भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की आशंका जता ई जाती रही। आज ही बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को ईडी के सामने पेश होना था, लेकिन वे नहीं हुए।
इधर विपक्षी दल लगातार आरोप लगा रहे हैं कि केंद्रीय एजेंसियां कभी भाजपा के किसी नेता के घर छापा नहीं मारती। मध्य प्रदेश चुनाव के बीच एक केंद्रीय मंत्री के बेटे का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पांच सौ करोड़ के लेन-देन की बात थी। कांग्रेस ने काफी जोर से इस मुद्दे को उठाया, लेकिन ईडी ने कोई कार्रवाई नहीं की। विपक्ष दलों ने ऐसे अनेक उदाहरण देकर आरोप लगाए हैं कि केंद्रीय एजेंसियां भाजपा की शाखा की तरह काम कर रहा है।
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