BharatJodoYatra : राहुल ने फहराया लाल चौक पर तिरंगा

कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा रविवार को श्रीनगर के लाल चौक पहुंची, जहां पहले राष्ट्रगान गाया गया, फिर राहुल गांधी ने तिरंगा फहराया।

अनेक बाधाओं को पार करते हुए आखिर #BharatJodoYatra रविवार को श्रीनगर के लाल चौक पहुंची। यहां सभी भारत यात्रियों ने पहले राष्ट्र गान गाया, इसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तिरंगा झंडा फहराया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे। रविवार को सुबह भारत जोड़ो यात्रा पंथाचौक से शुरु हुई और लाल चौक पहुंची। पंथा चौक पर भी कश्मीर के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे तथा राहुल गांधी के साथ पदयात्रा करते हुए लाल चौक पहुंचे। आज ही शाम को राहुल गांधी प्रेस वार्ता भी करेंगे। सोमवार को कांग्रेस के आमंत्रण पर अनेक दलों की बैठक होगी, जिसमें आगे रणनीति पर चर्चा होगी।

पिछले साल सात सितंबर को जब कन्या कुमारी से भारत जोड़ो यात्रा शुरू हुई, तो बहुतों को यकीन नहीं था कि यात्रा कश्मीर तक पहुंचेगी। भाजपा समर्थक प्रचार कर रहे थे कि राहुल गांधी दो-चार -दिन पैदल चल कर दिल्ली लौट जाएंगे। लेकिन यात्रा बढ़ती रही। सोशल मीडिया पर तरह-तरह से भाजपा नेताओं ने यात्रा को बदनाम करने के लिए सरासर झूठ बोला, इसमें केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तक शामिल थे। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने झूठ प्रचार किया कि राहुल गांधी ने कन्या कुमारी में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित नहीं। जबकि राहुल गांधी वहां पहुंचे थे और स्वामी विवेकानंद को नमन किया था।

माथे पर दुपट्टा लिये एक नन्ही बच्ची के साथ राहुल गांधी चले, तो उसे भी सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई। दिल्ली पहुंचने पर कोरोना आ गया। प्रधानमंत्री मोदी तक संसद में मास्क पहने दिखे। भाजपा के दुष्प्रचार तथा मौसम की बाधा के बावजूद आखिर भारत जोड़ो यात्रा अपने मंजिल पर पहुंच ही गई। इस बीच 26 जनवरी से कांग्रेस ने हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा शुरू कर दी है।

भारत जोड़ो यात्रा के अपने मंजिल पर पहुंचने के साथ ही अब इस बात पर चर्चा होने लगी है कि इसका कितना असर 2024 के लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा। कितना असर पड़ेगा, इसका दावा तो नहीं किया जा सकता , लेकिन यात्रा को कन्या कुमारी से कश्मीर तक भारी जन समर्थन मिला है, जिससे कोई इनकार नहीं कर सकता। हर वर्ग और हर जाति-धर्म के लोगों का व्यापक समर्थन मिला। इस यात्रा की सफलता से भाजपा ही नहीं क्षेत्रीय दल भी परेशानी महसूस कर रहे हैं। सोमवार को श्रीनगर में विपक्षी दलों की एकजुटता बैठक में अखिलेश यादव और मायावती ने जाने से इनकार कर दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी यात्रा का स्वागत किया, पर इसमें शामिल नहीं हुए।

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By Editor