भुखमरी रैंकिंग में भारत 125 देशों में 111 वें स्थान पर
भुखमरी रैंकिंग में भारत 125 देशों में 111 वें स्थान पर। लगातार तीसरे साल गिरावट। पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल से भी नीचे पहुंचा भारत।
भुखमरी रैंकिंग (ग्लोबल हंगर इंडेक्स) में भारत 125 देशों की सूची में 111 वें स्थान पर पहुंच गया है। इस सूची में भारत की लगातार तीसरे साल गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल की तुलना में भारत इस सूचकांक में चार स्थान नीचे गिरा है। पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका से भी भारत नीचे पहुंच गया है। हंगर इंडेक्स में पाकिस्तान की रैंकिंग 102, बांग्लादेश की 81, नेपाल की 69 और श्रीलंका की 60 है। हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति को अत्यंत गंभीर बताया गया है। रिपोर्ट आने के बाद विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर जमकर हमले किए। वहीं मोदी सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज किया है।
राजद के अध्यक्ष लालू यादव ने कहा कि गुरुवार को जारी वैश्विक भुखमरी सूचकांक-2023 (Global Hunger Index- 2023) के मुताबिक भारत दुनिया के 125 देशों में 111वें स्थान पर है। भारत का स्कोर 28.7% है जो इसे ऐसी कैटेगरी में लाता है जहां भूख और भुखमरी की स्थिति अति गंभीर और चिंताजनक है। 2013 के ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 63वें स्थान पर था। बीजेपी सरकार की गरीब विरोधी नीतियों के चलते भारत भुखमरी सूचकांक में 10 वर्षों में 63वें स्थान से फिसलकर 111वें स्थान पर आ गया है। अब केंद्र की मोदी सरकार आदतन रिपोर्ट और सूचकांक को समझने एवं स्वीकार कर नीतियों में सुधार करने की बजाय इसे झूठा और त्रुटिपूर्ण बताएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार किसी भी अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करती है, लेकिन क्या वह भारत सरकार के अपने आंकड़ों को भी झुठलाएगी। खड़गे ने कहा कि क्या यह सच नहीं कि देश की 15 साल से 49 साल तक की बेटियां और महिलाएं एनेमिक हैं, उनमें खून की कमी है और इसके कारण वे कई बीमारियों की शिकार होती हैं। खड़गे ने यह भी पूछा कि क्या यह सच नहीं की भोजन में पौष्टिक तत्वों की कमी से देश के बच्चों की लंबाई कम हुई है। विपक्ष के अन्य दलों ने भी मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि क्या यही अच्छे दिन हैं।
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