भूमिहार जाति के पूर्व IPS को तेजस्वी ने क्यों दिया इतना महत्व

भूमिहार जाति के पूर्व IPS को तेजस्वी ने क्यों दिया इतना महत्व

भूमिहार जाति के पूर्व DGP करुणा सागर अचानक चर्चा में आए। तेजस्वी यादव ने खुद किया स्वागत। पार्टी में शामिल कराया। जानिए तेजस्वी ने क्यों दिया महत्व।

कुमार अनिल

राजद ने तमिलनाडु में डीजीपी रह चुके पूर्व आईपीएस अधिकारी करुणा सागर का भव्य स्वागत किया। पटना एयर पोर्ट से लेकर पूरे बेली रोड तथा वीरचंद पटेल पथ से स्टेशन इलाके तक सैकड़ों की संख्या में होर्डिंग लगाए गए थे, जिसमें करुणा सागर की तस्वीर तेजस्वी यादव के साथ थी। करुणा सागर को उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने खुद पार्टी में शामिल कराया। इसके लिए रविवार को राजद कार्यालय में मिलन समारोह आयोजित किया गया था। इस अवसर पर राजद कार्यालय के अंदर-बाहर भारी भीड़ जमा थी। पटना सहित कई जिलों से भूमिहार जाति के लोग भी बड़ी संख्या में दिख रहे थे। सवाल है कि करुणा सागर को तेजस्वी यादव ने आखिर इतना महत्व क्यों दिया?

करुणा सागर पटना जिले के धनरुआ प्रखंड के बड़ी धमौल गांव के रहने वाले हैं। तमिलनाडु में पदास्थापित रहने के बावजूद वे अपने गांव और आसपास के इलाके से जुड़े रहे। 2007 में इन्होंने अपने गांव में कड़रुआ नदी किनारे शिव मंदिर बनवाया, जिसे तमिलनाडु के करीगरों ने यहां महीनों रह कर तैयार किया। मंदिर दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला पर आधारित है। करुणा सागर हर साल हजारों लोगों में कंबल-साड़ी वितरित करने से लेकर हर तरह की गतिविधियों में शामिल रहे हैं।

करुणा सागर विचार के तौर पर शुरू से वाम और समाजवादी धारा से जुड़े रहे हैं। इनके पिता अंबिका प्रसाद भी वाम-समाजवादी धारी से जुड़े रहे। इनके अपने गांव से लेकर आसपास का इलाका पिछड़ा बहुल है। करुणा सागर की छवि बौद्धिक और समाज से जुड़े अधिकारी के बतौर रही है।

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने करुणा सागर को दो वजहों से खासा महत्व दिया। पहली वजह तो यह है कि उन्होंने यह संदेश दिया कि राजद ए टू जेड की प्राटी है। भाजपा भूमिहार जाति को taken for granted न ले अर्थात यह न माने कि कुछ भी हो जाए भूमिहार जाति भाजपा के साथ ही रहेगी। तेजस्वी ने करुणा सागर को शामिल करा कर पूरी जाति को संदेश देने की कोशिश की है। तेजस्वी के करुणा सागर को इतना महत्व देने के पीछे दूसरी बड़ी वजह है कि अब राजद ने भाजपा नेता गिरिराज सिंह और विजय सिन्हा का जवाब खोज लिया है। अगर भाजपा के दोनों नेता अपने उग्र हिंदुत्व के लिए जाने जाते हैं, तो करुणा सागर समावेशी राजनीति, सर्व धर्म समभाव के लिए परिचित हैं। इस प्रकार तेजस्वी यादव ने भूमिहारों के बीच एक नई राजनीति, जो विचार से संघ विरोधी होगी, उसकी जमीन तैयार की है।

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