महिला पहलवानों को मिली नई ताकत, समर्थन में हजारों महिलाएं

यौन उत्पीड़न के खिलाफ 15 दिनों से दिल्ली में धरना दे रही महिला पहलवानों का संघर्ष अब रंग में आ गया है। कोई बैरिकेड काम न आया। शाम को कैंडल मार्च भी।

यौन उत्पीड़न के खिलाफ 15 दिनों से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रही महिला पहलवानों का संघर्ष अब रंग में आ गया है। रविवार को पंजाब से हजारों की संख्या में महिलाएं पहुंची हैं। वे आंदोलन के समर्थन में धरने पर बैठ गई हैं। इसके साथ ही पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिलों से भी सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंच गए हैं। किसान नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे। अन्य दलों के नेताओं में माले के दीपंकर भट्टाचार्य भी शामिल हुए। महिला पहलवानों तथा अन्य संगठनों ने देशभर में कैंडल मार्च भी निकालने की अपील की है।

हरियाणा-प. उत्तर प्रदेश और राजस्थान की खाप पंचायतों ने संयुक्त बैठक करके सरकार को चेतावनी दी है कि अगर मोदी सरकार ने महिला पहलवानों की मांग नहीं मानी, तो आंदोलन तेज किया जाएगा। पंजाब से आए किसानों ने रविवार को लंगर भी आयोजित किया। इसका अर्थ है कि समर्थन में आए किसान अब जाने वाले नहीं हैं। अगर गए, तो दूसरे जत्थे आ जाएंगे।

जंतर-मंतर पर भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने धरना को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि महिला खिलाड़ियों के संघर्ष के समर्थन में किसान, मजदूर, छात्र और दिल्ली के नागरिक जमा हैं। वे जय-जवान, जय किसान और जय पहलवान का नारा लगा रहे हैं।

पंजाब की महिलाओं पहुंचने के बाद जंतर-मंतर पर जारी संघर्ष में नया जोश आ गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत बूषण ने कहा-हजारों महिला जंतर-मंतर पहुंच गई हैं, हमारे महिला पहलवानों के समर्थन में। अब मोदी जी या भाजपा कितनी भी कोशिश कर ले, बृजभूषण शरण ज्यादा दिन टिक नहीं पाएगा।

रविवार को कई खाप के लोग महिला खिलाड़ियों को समर्थन देने के लिए चल चुके हैं। इसके कई वीडियो सोशल मीडिया में हैं। सोमवार को समर्थन और भी बढ़ेगा। किसान नेता रमणदीप सिंह मान ने कहा-8 मई को पंजाब से हजारों किसान जंतर मंतर पर खिलाड़ियों के समर्थन देने पहुंचेंगे; कल भी पंजाब की सबसे बड़ी किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) अध्यक्ष जोगिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब से महिलाएं जंतर मंतर पहुंच रही हैं,शायद ही कोई किसान यूनियन हो, जो खिलाडियों के साथ न हो।

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