भूमिहारों का वह कौन वर्ग है, जो तेजस्वी को CM बनाने में जुटा है
लगता है बोचहा उपचुनाव भूमिहार राजनीति का टर्निंग प्वाइंट बन रहा है। पहली बार भूमिहारों के बीच तेजस्वी को CM बनाने की आवाज उठी। कौन हैं ये लोग?
कुमार अनिल
बिहार में भूमिहारों की राजनीति का केंद्र लालू विरोध रहा है। इस सूत्र को पकड़ कर भाजपा और जदयू हर चुनाव में 15 साल पहले की याद दिलाते हैं और बिना कुछ किए-दिए भूमिहारों का सारा वोट समेट ले जाते रहे हैं। भूमिहार मुफ्त में अपना समूचा वोट भाजपा को देते रहे हैं।
बिहार की राजनीति में बिल्कुल नई चीज देखने को मिल रही है। बोचहा उपचुनाव में भूमिहारों ने राजद प्रत्याशी को जमकर वोट दिया। इसी का नीजा है कि राजद को 82562 वोट मिला और उसने भाजपा को लगभग 37 हजार वोट से बुरी तरह पीट दिया। बात बोचहा के भूमिहारों तक सीमित नहीं रही। अब जहानाबाद और मगध क्षेत्र में सक्रिय कई भूमिहार युवा नेता सोशल मीडिया में खुलकर लिख रहे हैं कि तेजस्वी ने भूमिहारों को सम्मान दिया है, तो भूमिहारों का भी फर्ज है कि वे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाएं।
बात भूमिहारों के कुछ नेताओं की रहती, तो आई-गई हो गई होती, लेकिन भूमिहारों का एक वर्ग कहने लगा है कि तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाना ही होगा। इस वर्ग में भूमिहार युवा हैं, जिनके पास रोजगार नहीं है। नौकरियां नहीं हैं। स्टार्ट अप में इतना झोल है कि सरकारी सहयोग हासिल करना मुश्किल है। भूमिहारों के बड़े-बड़े नेता भाजपा में उपेक्षित हैं। सच्चिदानंद राय को तो भाजपा ने बाहर ही कर दिया। इस बीच राजद में बदलाव दिख रहा है। तेजस्वी यादव एब एमवाई से आगे ए टू जेड की बात कर रहे हैं। इस स्थिति में भूमिहारों के भीतर एक वर्ग तैयार हो गया है, जो खुल कर कह रहा है कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना कर दम लेंगे।
भूमिहारों के एक युवा चेहरा आशुतोष कुमार ने बोचहा का रिजल्ट आने से पहले ही ट्वीट किया-धन्यवाद तेजस्वी जी.! आपने हमारे समाज को सम्मान दिया है, अब हमारा भी फर्ज बनता है की हम आपको सम्मान दें। आपने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है तो हमारा भी फर्ज बनता है की आपका हाथ पकड़ आपको बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाएं।
मुस्लिमों के मकान के बाद दलितों की जुबान पर BJP का बुलडोजर