कुमार अनिल
चुनाव आयोग के गहन मतदाता पुनरीक्षण यानी वोटबंदी के खिलाफ राज्यव्यापी चक्का जाम और बिहार बंद शानदार ढंग से सफल रहा। सुबह सात बजे से ही इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर गए। पटना, दरभंगा, नरपतगंज, जहानाबाद सहित कई शहरों में ट्रेनें रोकी गईं। शहर की सड़कों के अलावा सभी एनएच पर कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम किया। सबसे बड़ी बात यह कि राज्य की नीतीश और भाजपा सरकार ने राहुल गांधी, तेजस्वी यादव सहित विपक्ष के नेताओं के सामने सरेंडर कर दिया।
पटना में राहुल गांधी तथा तेजस्वी यादव के नेतृत्व में निकले मार्च को उस क्षेत्र में जाने दिया गया, जहां पिछले 20 वर्षों में किसी को प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी गई। दरअसल नीतीश सरकार ने भांप लिया कि अगर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को बैरिकेडिंग करके रोका गया, तो बिहार में आंदोलन और भी तेज हो जाएगा। इसीलिए नीतीश सरकार ने पहली बार किसी प्रदर्शन को शहीद स्मारक यानी विधानसभा तक जाने दिया।
इससे पहले कभी-कभार छात्र-युवाओं के जत्थे छुप कर वहां पहुंचते रहे हैं, लेकिन उन्हें पुलिस कुछ ही मिनटों में हिरासत में लेती रही है। 20 वर्षों में पहली बार राहुल गांधी-तेजस्वी यादव के प्रदर्शन को वहां तक जाने की इजाजत दी गई।
यहां एक सभा भी हुई, जिसे इंडिया गठबंधन के सभी प्रमुख नेताओं ने संबोधित किया। राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव चोरी कर ली गई। अब बिहार चुनाव को चोरी करने की कोशिश की जा रही है, जिसे बिहार की जनता सफल नहीं होने देगी।