प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के दूसरे सबसे बड़े सहयोगी जदयू ने बिहार के लिए 30 हजार करोड़ रुपए मांगे हैं। इस मांग से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार प्रेशर में है। जदयू ने इसी महीने पेश होनेवाले बजट में इस राशि के प्रावधान की मांग की है। याद रहे बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव है। इसे लेकर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दबाव में हैं। बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। 2020 विधानसभा चुनाव में कुछ ही सीटों का फासला रह गया था। इसीलिए जदयू चाहता है कि केंद्र से उसे विशेष पैकेज मिले, ताकि विधानसभा चुनाव से पहले कुछ बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए जा सकें।
डेकन हेरल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने केंद्र सरकार से 30 हजार करोड़ रुपए की मांग की है। पार्टी चाहती है कि यह राशि उसे तुरत मिले, ताकि कुछ लोक लुभावन योजनाओं की शुरुआत की जा सके। अखबार ने लिखा है कि जदयू ने यह मांग बजट पूर्व हुई मीटिंग में की है, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी उपस्थित थीं।
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याद रहे प्रधानमंत्री मोदी से सबसे बड़े सहयोगी टीडीपी ने पहले ही राज्य के लिए एक लाख करोड़ रुपए के पैकेज की मांग की है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू भी इसी बजट में इस राशि का प्रावधान किए जाने की मांग कर रहे हैं। प्रदेश की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल है। प्रदेश की राजधानी विकसित करने के लिए बड़ी राशि चाहिए। इस बीच जदयू ने सांसद संजय झा को पार्टी का नया कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार विशेष राज्य का दर्जा अथवा विशेष पैकेज दे। जाहिर है उन्होंने बतचा दिया है कि उनका जोर विशेष पैकेज पर है। संजय झा के लिए भी विशेष पैकेज हासिल करना चुनौती है। उनका संबंध भाजपा से बेहतर है और नीतीश कुमार ने शायद इसीलिए उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष नाया है।