Bihar Assembly Election से ठीक पहले मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने एक जबरदस्त चुनावी कार्ड खेला है. मंगलवार को हुई Cabinet की बैठक में सरकार ने ना केवल नियोजित शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली को मंजूरी दी बल्कि वेतन वृद्धि का भी ऐलान कर दिया. सरकार ने एक अप्रैल 2021 में नियोजित Teachers को 22 प्रतिशत बढाकर वेतन देने की घोषणा की है. शिक्षा विभाग की ओर से विस्तृत रूप से जानकारी साझा की गई है. आइये जानते हैं कि सरकार के इस बड़े फैसले से नियोजित शिक्षकों क्या-क्या लाभ मिलेगा।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर के महाजन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सरकार के इस फैसले से नियोजित शिक्षकों को कई लाभ मिलने जा रहे हैं. स्वतंत्रता दिवस के दिन ही नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त को बेहतर बनाने के लिए शीघ्र नई सेवाशर्त नियमावली लागू की जाएगी. जिसपर अब मुहर लग चुकी है. सरकार के इस फैसले के मुताबिक अगले साल अप्रैल महीने से देय मूल वेतन में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. इस प्रकार नियोजित शिक्षक और पुस्तकालयध्यक्षों के वेतन में ईपीएफ स्किम के साथ 20 प्रतिशत से अधिक की वेतन वृद्धि होगी.
बिहार में फिलहाल लगभग साढ़े 3 लाख नियोजित शिक्षक हैं. वेतन वृद्धि होने के बाद लगभग 2765 करोड़ का बोझ सरकार के खजाने पर आएगा. दिव्यांग नियोजित शिक्षक और पुस्तकालयध्यक्षों को ट्रांसफर का भी अवसर मिलेगा. अंतर नियोजन के तहत अन्य शिक्षकों को भी यह लाभ मिलेगा. उच्च माध्यमिक शिक्षक के 50 प्रतिशत सीट पर सीधी भर्ती की जाएगी. 50 प्रतिशत पदों को माध्यमिक शिक्षकों के प्रमोशन से भरा जायेगा. प्रधानाध्यापक का पद सृजित करते हुए माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षक को प्रोन्नति दी जाएगी.
नियोजित शिक्षकों के लिए पहले से तय छुट्टियों में भी बढ़ोतरी की गई है. मातृत्व अवकाश के लिए पहले महिला शिक्षक को 135 दिनों की छुट्टी दी जाती थी. जिसमें बढ़ोतरी करते हुए शुरू के दो संतानों के लिए अब 180 दिन कर दिया गया है. पहले पितृत्व अवकाश नहीं दिया जाता था. लेकिन अब सरकार ने नियोजित शिक्षकों को 15 दिनों का पितृत्व अवकाश देने का निर्णय लिया है. इससे पहले 7 सालों की सेवा के बाद ही अवैतनिक अध्ययन अवकाश दी जाती थी. लेकिन अब 3 साल की न्यूनतम सेवा के बाद ही शिक्षक इसका लाभ ले पाएंगे.
शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के सेवा काल में मृत्यु होने की स्थिति में वर्तमान में शिक्षक के पद पर नौकरी देने का प्रावधान है. इस पद पर बहाली के लिए बीएड, डीएलएड और टीईटी पास होना अनिवार्य है. कई आश्रितों द्वारा यह पूरा नहीं किये जाने के कारण अनुकंपा के आधार पर भर्ती में कठिनाई होती है. जिसे देखते हुए आश्रितों को मिडिल स्कूल में विद्यालय सहायक और विद्यालय परिचारी के पद पर अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाएगी.