बिहार चुनाव: पहले चरण की वोटिंग से ही NDA में मायूसी की लहर

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शाहबाज़ की विशेष रिपोर्ट

बिहार चुनाव के प्रथम चरण के लिए मतदान आज से शुरू हो गया है लेकिन वोटिंग के पहले दिन से ही NDA के खेमे में मायूसी की लहर है.

बिहार विधान सभा चुनाव 2020 के अंतर्गत आज 16 जिलों के 71 विधान सभा सीटों पर वोटिंग हो रही है. इस बार सुबह 7 बजे से संध्या 6 बजे तक वोटिंग होगी जिससे वोटिंग प्रतिशत बढ़ने की सम्भावना है. ख़बरों में बताया जा रहा है कि कोरोनाकाल में चुनाव होते हुए भी आज के मतदान में लगभग सभी सीटों पर अंदाज़े से अधिक वोटिंग होने कि सम्भावना है.

चुनाव आयोग द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक बिहार के प्रथम चरण के चुनाव में आज के दिन कुल मिलाकार 54% मतदान हुआ. बिहार में कोरोनाकाल में हुए चुनाव में ज़बरदस्त वोटिंग हुई और कोरोना का असर बिलकुल भी नहीं दिखा. सबसे ज्यादा वोटिंग बांका जिले की सीटों पर – 59%, जमुई में – 57% और कैमूर जिले के सीटों पर 56% वोटिंग हुई है.

हलाकि 2010 एवं 2015 बिहार चुनावों में क्रमशः 52.73 और 56.91 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। अगर इस बार 60 % से ज्यादा वोटिंग हो जाती है तो मुख्यतः NDA को खतरा हो सकता है क्यूंकि ज़्यादातर युवा वोटर्स जिनकी वोटिंग से मत प्रतिशत बढ़ जाता है इस बार महागठबंधन CM उम्मीदवार तेजस्वी यादव के हक़ में वोट देने की इच्छा जता रहे हैं. तेजस्वी की धमाकेदार जनसभाओं में मिले ज़बरदस्त जनसमर्थन को देखते हुए महागठबंधन में ज़बरदस्त उत्साह दिख रहा है.

मुंगेर गोलीकांड पर मोदी-गोदी मीडिया चुप, भाजपा के वोटर्स में भारी नाराज़गी

बिहार में पहले चरण के मतदान में NDA गठबंधन की बुरी हालत का अंदाज़ा इस बात से लगा सकते हैं कि राज्य के नवादा जिले में बीजेपी के एक पोलिंग एजेंट की मतदान केंद्र पर ही दिल का दौरा पड़ने से मौत हो जाती है. ख़बरों से पता चला है कि भाजपा के पक्ष में कम वोट पड़ने से वह गहरे तनाव में थे. बताया जा रहा है कि यह घटना नवादा के हिसुआ के फुलमा बूथ संख्या 236 की है.

NDA खेमे में औसत से अधिक मतदान की सम्भावना ही एकमात्र मायूसी की वजह नहीं है. कुछ वर्तमान कारण जैसे मुंगेर गोलीकांड पर भाजपा के वोटर्स भी राज्य की NDA सरकार से बेहद नाराज़ बताये जा रहे हैं वहीँ तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में बदलाव की लहर का भी वोटर्स पर खासा असर देखने को मिल रहा है.

ETV Bharat Bihar न्यूज़ चैनल के अनुसार मुंगेर गोलीकांड के बाद शहर में आधा दर्जन से अधिक इलाकों के लोगों ने वोट का बहिष्कार कर दिया. मुंगेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बेकापुर, लोहा पट्टी, किराना पट्टी, शादीपुर के लोगों ने वोट नहीं किया. कुछ युवकों ने बातचीत में कहा कि वह प्रशासन द्वारा की गयी हिंसक फायरिंग के विरोध में वोट देने नहीं जायेंगे.

हालिया घटनाक्रम को देखे तो केंद्र सरकार चला रही भाजपा जहाँ विकास के मुद्दे पर बुरी तरह घिरी अब वहीँ भाजपा बिहार में हिंदुत्व के मुद्दे पर भी घिरती नज़र आ रही है. भाजपा के नेताओं द्वारा कभी कश्मीर और कभी आतंकवाद का मुद्दा उठाकर सांप्रदायिक वोटिंग कराने की कोशिश भी फेल साबित हुई. वहीँ मुंगेर गोलीकांड पर भाजपा के वोटर्स ही NDA गठबंधन से नाराज़ बताये जा रहे हैं.

ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभाएं भी बिहार में वोटिंग पर कुछ असर डालने में फिलहाल विफल दिखाई दे रहे है. आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सोशल मीडिया पर लाइव कार्यक्रम में भी कई लोग उनसे मुंगेर घटना पर बोलने की अपील करते दिखे लेकिन प्रधानमंत्री ने आज के दिन किसी भी जनसभा में इस घटना पर एक शब्द भी नहीं कहा. जिससे भाजपा के वोटर्स में काफी निराशा है.

दूसरी ओर महागठबंधन में बिहार की जनता का रुझान देखकर ज़बरदस्त उत्साह की लहर है. राष्ट्रीय जनता दल नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने 27 अक्टूबर को, बिहार में चुनाव से एक दिन पहले सोशल मीडिया पर “नौकरी संवाद” कार्यक्रम किया जिसे एक लाख से ज्यादा दर्शकों ने लाइव देखा. जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किये जाने वाले लाइव कार्यक्रम में दर्शकों की संक्या मुश्किल से सैंकड़ा पार कर पाती है. वहीँ मुख्यमंत्री की एक्चुअल सभाओं में भी भीड़ तेजस्वी से कई गुना कम होती है.

नीतीश की बौखलाहट की वजह ये खाली कुर्सियां तो नहीं?

बिहार के पहले चरण में ही NDA की मायूसी का कारण कुछ हालिया घटनाक्रम भी हैं. मतदान के समय कुछ हालिया मुद्दे और घटनाक्रम भी वोटिंग पैटर्न बदल देते हैं. बिहार में मतदान से ठीक पहले के दिनों में महिला वोटर्स बातों बातों में मंहगाई और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध की और मीडिया का ध्यान आकर्षित कर रही हैं. जहाँ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी से महिलाओं के जीवन में आये बदलाव को कहीं पर बताना नहीं भूल रहे वहीँ राज्य में मंहगाई और अपराध के कारण फिलहाल राज्य में शराबबंदी से हुए फायदों को लेकर महिलाओं में उत्साह देखने को नहीं मिल रहा हैं.

हाल के दिनों में बिहार में आलू और प्याज़ के दाम में ज़बरदस्त वृद्धि हुई. लोग बता रहे हैं कि वह मंहगाई और गिरती आय से परेशान हैं. जिससे राज्य का गरीब तबका काफी नाराज़ बताया जा रहा हैं.

बिहार चुनाव के पहले चरण की वोटिंग में बिहार में व्याप्त बदलाव की लहर, मुंगेर गोलीकांड, मंहगाई, बेरोज़गारी और अपराध जैसे फैक्टर्स फिलहाल NDA के खिलाफ जाते दिख रहे हैं. अभी दुसरे और तीसरे चरण की वोटिंग 3 और 7 नवम्बर को होनी बाकी है. बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा बिहार चुनाव के नतीजे 10 नवम्बर को घोषित किये जायेंगे.

By Editor


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