शराबबंदी हटाने की मांग के बीच मांझी ने रख दी अनोखी मांग
बिहार के कांग्रेसी नेता द्वारा शराबबंदी खत्म करने की मांग के बीच जीतन राम मांझी ने इसी से जुड़ी ऐसी मांग कर दी है जो कानूनी रूप से आसान नहीं है.
मांझी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि जेल में बंद लोग गरीब हैं जो छोटी गलतियों से जेल गए हैं ऐसे में उन्हें जेल से छोड़ देना चाहिए.
जीतन राम मांझी ने शराबबंदी के लिए नीतीश कुमार की सख्ती को धन्यवाद दिया है, लेकिन उन्होंने अनुरोध किया है कि वैसे गरीब जो शराबबंदी कानून के तहत छोटी गलती के लिए पिछले 3 महीनों से जेल में बंद है, उनकी जमानत की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए.
बिहार में पूर्ण शराबबंदी का कानून लागू है. और शराब पीने वालों, रखने वालों या इसका कारोबार करने वालों को जेल की सजा निर्धारित है. ऐसे में जो लोग जेल में हैं उन्हें जमानत देने का आधार क्या हो सकता है यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. सवाल है कि क्या सरकार अपनी मर्जी से किसी को जमान दे सकती है?
आपको याद दिला दें कि इससे पहले भी जीतन राम मांझी इस तरह की मांग कर चुके हैं. उन्होंने पहले कहा था कि शराबबंदी कानून के उल्लंघन में एक लाख से ज्यादा लोग जेल में बंद हैं और उनमें अधिकतर दलित समाज के लोग हैं. उन्होंने तब भी कहा था कि दलित समुदाय के लोगों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं होती कि वे महंगे वकील की मदद से जमानत ले सकें.
इस बीच बिहार प्रदेश कांग्रेस के नेता द्वारा शराबाबंदी खत्म करने की मांग से पहले भाजपा के एक सांसद ने भी कहा था कि बिहार में शराबबंदी के कारण बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हो रहा है और राज्य के लोग दूसरे राज्यों में जा कर या गैरकानूनी तरीके से बिहार में शराब खरीद कर पीते हैंय
बिहार के पूर्व सीएम ने इसके लिए उन दोषियों के परिवारों का हवाला दिया है और लिखा है कि उनके परिवार के मुखिया के जेल में बंद रहने के कारण बच्चे भूखे हैं. मांग की है.