बिहार में लोग खरना मना रहे, दुनिया पूछ रही ठेकुआ कैसे बनता है
बिहारी एक दूसरे के यहां खरना प्रसाद के लिए जा रहे। उधर सोशल मीडिया में ठेकुआ वायरल है। यह बाजार में नहीं मिलता। दुनिया भर के लोग पूछ रहे ये ठेकुआ क्या है?
कुमार अनिल
छठ पर्व में शनिवार को खरना के अवसर पर लोग एक दूसरे के यहां प्रसाद पाने के लिए श्रद्धा से जा रहे हैं। प्रसाद भी बहुत साधाराण होता है, लेकिन श्रद्धा ने इसे असाधारण बना दिया है। गुड़ से बनी खीर और देसी घी में लिपटी आटे की रोटी। यह प्रसाद पा कर लोगों का ह्रदय तृप्त हो जाता है।
उधर, सोशल मीडिया में विभिन्न प्रांतों के लोग पूछ रहे हैं कि ये ठेकुआ क्या होता है? कई लोग आग्रह कर रहे हैं कि क्या उन्हें कोई छठ का प्रसाद ठेकुआ भेज सकता है।
ठेकुआ बाजार में नहीं मिलता। आप पैसे से इसे खरीद नहीं सकते। इसे तो बिहार की महिलाएं बड़े प्रेम से अपने हाथों से बनाती हैं। हिंदुस्तान की पूर्व संपादक और लेखिका मृणाल पांडेय ने ठेकुआ की चर्चा पर ट्वीट किया-यह एक अद्भुत मीठा है, बाज़ार में नहीं मिलेगा। पर किसी के घर से मिल जाए तो अहो भाग्य। महिलाओं का प्रेममय आत्मीय स्पर्श ही इतना सुस्वादु पकवान बना सकता है।
प्रकाश ने अंग्रेजी में ट्वीट किया है कि उन्हें याद है करनाल में कैंपस के दिनों की बात। मेरे एक हरियाणवी सहपाठी ने कहा था कि ठेकुआ शायद दुनिया का पहला Energy Bar (ऐसी टिकिया, जो भरपूर पौष्टिक हो और खाते ही भूख मिट जाती है, ताकत भी मिलती हो) है।
I remember my campus days in Karnal. One of my Hariyanvi classmate observed that ठेकुआ may well be the first “Energy Bar” of the world😄
— Prakash (@P_C_D_as) October 29, 2022
सोशल मीडिया में कई लोगों ने अपने बिहारी मित्रों को प्यार भरी धमकी भी दी है कि गांव गए हो, तो ठेकुआ जरूर लाना। नहीं लाए, तो समझ लेना। कई लोग अपने बिहारी दोस्तों से पूछ रहे हैं कि छठ पर बिहार गए कि नहीं। ठेकुआ जरूर लाना।
बिहार टूरिज्म विभाग ने भी ठेकुआ के फोटो के साथ ट्वीट किया है-माँ के हाथों की मिठास और घी की खुशबू , छठ का पर्व और घाट की भीड़ । बिहार अलग दिखता है छठ में! डिजिटल मीडिया में ठेकुआ घर में बनाने की विधि बतानेवाले होड़ कर रहे हैं।
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