बिहार में शाम पांच बजे तक 53 प्रतिशत मतदान की खबर है, जो 2019 लोकसभा चुनाव की तुलना में 9 प्रतिशत कम है। आशंका जताई जा रही है कि भाजपा समर्थक फिर कम संख्या में मतदान के लिए घरों से निकले।

चुनाव के दूसरे चरण में पांच सीटों पर मतदान हुए। किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका में शुक्रवार को मतदान हुआ। किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया में मुस्लिम आबादी काफी है। भागलपुर में भी मुस्लिम आबादी है, लेकिन किशनगंज, कटिहार से कम हैं। इस बार किशनगंज में सबसे अधिक 56.12, कटिहार में 55.54, पूर्णिया में 55.14, बांका में 49.5 तथा सबसे कम भागलपुर में 47.26 प्रतिशत मतदान हुआ। जबकि 2019 में किशनगंज में 66.38, कटिहार में 67.64, पूर्णिया में 65.37, बांका में 58.60 तथा भागलपुर में 57.20 प्रतिशत मतदान हुए थे। जाहिर है हर क्षेत्र में लगभग दस प्रतिशत कम मतदान हुए।

बिहार में अब तक मिली खबर के मुताबिक 53 प्रतिशत मतदान हुआ है, जिसके थोड़ा बढ़ने की संभावना है। यह 55 से 57 प्रतिशत तक मतदान जा सकता है। इसके बावजूद इस बार मतदान कम हुआ। पिछली बार इन पांच सीटों पर औसत 62 प्रतिशत मतदान हुआ, जो पांच से सात प्रतिशत कम ही रहेगा। मतदान के कम होने से भाजपा के लिए संकट फिर बढ़ गया है। पिछली बार सर्वाधिक मतदान हुआ था, जिसके पीछे पुलवामा और बालाकोट की घटना थी। इस बार कोई राष्ट्रीय उभार नहीं दिख रहा, जो भाजपा के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

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पहले चरण में भी बिहार में कम मतदान हुआ था, जिससे भाजपा परेशान थी। अब दूसरे चरण में भी वही स्थिति दिख रही है। माना जा रहा है कि भाजपा समर्थकों में उत्साह कम होना कम मतदान का कारण है। इन पांच सीटों पर एनडीए के सिर्फ जदयू प्रत्याशी हैं। भाजपा के एक भी प्रत्याशी नहीं होना भी मतदान कम होने की वजह हो सकती है।

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