बिलकिस मामले में SC कोर्ट पहुंची महुआ, कप्पन के सहयोगी को बेल
बिलकिस मामले में रेपिस्टों की सजा माफी के खिलाफ TMC सांसद महुआ मोइत्रा सुप्रीम कोर्ट पहुंची। आज ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिद्दीक कप्पन के सहयोगी को बेल दी।
बिलकिस रेप मामले में गुजरात सरकार द्वारा रेपिस्टों की सजा माफी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल सहित अनेक नेता चुप हैं। कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा भी लगातार रेपिस्टों को छोड़ने के खिलाफ आवाज उठा रही है। आज वे सुप्रमी कोर्ट पहुंचीं और रेपिस्टों की सजा माफी रद्द करने की अपील दायर की। इस बीच एक अच्छी खबर है कि केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन के सहयोगी पत्रकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। अब उम्मीद की जा रही है कि कप्पन को भी कोर्ट से जमानत मिल सकती है।
टीएमसी की मुखर महिला सांसद महुआ मोइत्रा ने एक दिन पहले इंडियन एक्सप्रेस में लेख लिख कर गुजरात सरकार के फैसले का तीखा प्रतिवाद किया था। जब से भाजपा विधायक ने कहा कि रेपिस्ट ब्राह्मण हैं। वे अच्छे संस्कार के होते हैं। इसलिए उनकी सजा माफ की गई, तब से जिनके भीतर थोड़ा भी विवेक बचा है, जो संविधान और कानून पर भरोसा करते हैं, उनमें रोष है। लोग सवाल कर रहे हैं। महुआ मोइत्रा ने ट्वीट करके लोगों के सोए हुए विवेक के झकझोरा है।
इस बीच केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन के सहयोगी मोहम्मद आलम को आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सरोज यादव की बेंच ने जमानत दी है। आलम को लगभग दो साल पहले यूपी पुलिस ने तब गिरफ्तार किया था, जब वे हाथरस में रेप और हत्या के बाद घटनास्थल की रिपोर्ट करने जा रहे थे। मो. आलम को जमानत मिलने से अधिवक्ताओं को उम्मीद है कि अब कप्पन को भी जमानत मिल सकती है। इस खबर से लोकतंत्र पसंद लोगों ने राहत की सांस ली है।
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