बीमारी से उबरते ही फॉर्म में लालू, मुलायम से धमाकेदार मुलाकात
राजद प्रमुख लालू प्रसाद बीमारी से उबरते ही फॉर्म में आ गए हैं। आज उन्होंने उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। किस बात पर हुई चर्चा?
आज राजद प्रमुख लालू प्रसाद सपा नेता मुलायम सिंह यादव से मिले। मुलाकात में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी शामिल थे।
लालू -मुलायम की मुलाकात की चर्चा न सिर्फ यूपी-बिहार में हो रही है, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में चर्चा का विषय बन गई है। यह मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब यूपी विधानसभा चुनाव के लिए घमासान शुरू हो चुका है। राष्ट्रीय राजनीति में पेगासस जासूसी, महंगाई और किसान आंदोलन की धूम मची है। इन तीनों मुद्दों पर भाजपा डिफेंसिव दिख रही है।
यहां यह भी ध्यान में रखना जरूरी है कि आज ही इंडियन एक्सप्रेस में बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का पूरे पन्ने में इंटरव्यू छपा है। इसमें तेजस्वी ने खुलकर कहा है कि राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा को चुनौती देने के लिए सारे विपक्षी दलों को एक साथ आना होगा। खास बात तेजस्वी ने यह कही कि किसी भी भाजपा विरोधी मोर्चे की कल्पना कांग्रेस को छोड़कर नहीं की जा सकती। भाजपा विरोधी दलों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और भाजपा विरोधी मुहिम में उसकी प्रमुख भूमिका होगी।
खुद लालू प्रसाद ने ट्वीट करके कहा -देश के वरिष्ठतम समाजवादी साथी आदरणीय श्री मुलायम सिंह जी से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना। खेत-खलिहान, ग़ैर-बराबरी, अशिक्षा, किसानों, गरीबों व बेरोजगारों के लिए हमारी सांझी चिंताएं और लड़ाई है। आज देश को पूंजीवाद और सम्प्रदायवाद नहीं, बल्कि लोकसमता एवं समाजवाद की अत्यंत आवश्यकता है।
इधर तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया- 7 अगस्त, शनिवार को मंडल दिवस के अवसर पर बिहार के सभी जिला मुख्यालयों में राजद की ओर से जातीय जनगणना कराने, आरक्षित कोटे से बैकलॉग के लाखों रिक्त पद भरने एवं मंडल आयोग की शेष सभी अनुशंसाएं लागू करने की मांगों पर विशाल धरना-प्रदर्शन होगा। तेजस्वी के ट्वीट से स्पष्ट है कि वे राज्य में जदयू-भाजपा सरकार को निश्चिंत रहने का कोई मौका नहीं देंगे। जातीय जनगणना ऐसा मुद्दा है, जिस पर भाजपा अकेली पड़ गई है। भाजपा को छोड़कर बिहार एनडीए के सारे दल जातीय जनगणना के पक्ष में हैं।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद और मुलायम सिंह यादव के बीच यह मुलाकात राजनीतिक मुलाकात थी, यह स्पष्ट है। यह भी तय है कि दोनों नेताओं ने देश में भाजपा को घेरने की रणनीति पर ही चर्चा की। पिछले दिनों इसी उद्देश्य से ममता बनर्जी दिल्ली में राजद, कांग्रेस सहित अन्य दलों के प्रमुख नेताओं से मुलाकात कर चुकी हैं।
थैंक्यू मोदी जी नहीं, थैंक्यू पटनायक जी क्यों बोल रहे
लालू प्रसाद के ट्वीट में तीन बातों का उल्लेख है- गरीब-गुरबे, किसान, बेरोजगार के लिए संघर्ष होगा। राजनीतिक मुद्दे में लालू प्रसाद ने सांप्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष को रेखांकित किया है। धर्म के नाम पर लोगों में नफरत फैलाने और मतों का धुर्वीकरण करने की कोशिश होगी। इससे किस प्रकार निबटा जाए, यह भी चर्चा का प्रमुख विषय अवश्य रहा होगा। क्या यूपी में धार्मिक धुर्वीकरण का जवाब जातीय जनगणना की मांग पर आंदोलन से होगा? क्या यूपी में कांग्रेस के साथ सपा का तालमेल होगा? इन सवालों के उत्तर मिलने में थोड़ा वक्त लगेगा।
नीतीश को समझने में मांझी की तरह चूक गये RCP