भाजपा के खिलाफ बंगाल पहुंचे तेजस्वी, ममता से हुई बात
राजद प्रमुख लालू प्रसाद का संदेश मिलने के बाद आज तेजस्वी यादव कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिले। क्या है राजद की रणनीति?
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कुमार अनिल
देश के एक हिस्से में किसान आंदोलन उठ खड़ा हुआ है। पहले पंजाब, फिर हरियाणा, उसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश और अब राजस्थान में किसानों का आंदोलन भाजपा के लिए परेशानी का कारण बन गया है। आज से किसान नेता राकेश टिकैत देशव्यापी दौरे पर निकल चुके हैं। वहीं बेरोजगार युवाओं का अभियान भी भाजपा के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है।
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इस बदलती हुई परिस्थिति ने विपक्ष को नया अवसर दिया है। शायद इसीलिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद चाहते हैं कि भाजपा के खिलाफ चौतरफा गोलबंदी करने के लिए राजद आगे आए। उनका संदेश मिलते ही आज प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तेजस्वी यादव मिले। उनके मिलते ही अटकलों का बाजार गर्म हो गया।
ममता जानती हैं कि भाजपा की एक प्रमुख ताकत हिंदीभाषी मतदाता हैं। वे भी यही चाहेंगी कि ये हिंदीभाषी मतदाता भाजपा के पाले से बाहर आएं। उन्हें जरूर लगा होगा कि इस काम में तेजस्वी यादव मददगार हो सकते हैं, तभी वे मिलीं। तेजस्वी ने कोलकाता में कहा, लालू जी का निर्णय है कि ममता को हर तरह से मदद दी जाए।
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ममता को समर्थन देकर राजद की कोशिश होगी कि वह भाजपा के खिलाफ बन रहे माहौल में भाजपा विरोधी प्रमुख पार्टी के बतौर देश में पहचान बनाए। इससे पहले तेजस्वी असम का दौरा कर चुके हैं।
लेफ्ट की बड़ी रैली, ममता को फयदा या नुकसान
उधर, कल कोलकाता में लेफ्ट-कांग्रेस की एक बड़ी रैली हुई। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं। लेफ्ट की बड़ी रैली को लेकर भी अटकलें जारी हैं कि इससे ममता को नुकसान होगा या फायदा?
एक मत यह है कि अगर लेफ्ट मजबूत होता है, तो इससे ममता को नुकसान होगा, क्योंकि भाजपा विरोधी मत बंटेंगे। वहीं दूसरा मत यह है कि इससे ममता को फायदा होगा। इसकी वजह यह है कि पिछले चुनाव में लेफ्ट का वोट प्रतिशत काफी कम हो गया था। रोचक बात यह है कि लेफ्ट का जितना वोट कम हुआ, लगभग उतना ही वोट भाजपा का बढ़ा। इससे यह माना गया कि लेफ्ट का वोट भाजपा में शिफ्ट हुआ। अब अगर लेफ्ट का वोट वापस आता है, तो इसका अर्थ है कि भाजपा का वोट घटेगा और लाभ ममता को मिलेगा।