IAS अधिकारी की पुस्तक को मिलेगा अज्ञेय पुरस्कार

उत्तर प्रदेश के एक चर्चित IAS अधिकारी की पुस्तक को मिलेगा अज्ञेय पुरस्कार। चारों तरफ से मिल रहीं बधाइयां। कौन हैं वे अधिकारी और क्या है पुस्तक का नाम?

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के डिस्ट्रिक्ट कलक्टर आईएएस अधिकारी रवींद्र कुमार की पुस्तक- एवरेस्ट : सपनों की उड़ान-सिफर से शिखर तक को सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। यह पुरस्कार उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के वर्ष 2019 के लिए चयन किया गया है। इस पुस्तक को इससे पहले अमृतलाल नागर पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।

2011 बैच के आईएएस अधिकारी रवींद्र कुमार ने पुरस्कार के लिए चयनित होने की जानकारी साझा की है। पुरस्कार के लिए चयनित होने पर पुस्तक के लेखक को लगातार बधाइयां मिल रही हैं। आईएएस एसोसिएशन ने भी पुस्तक के चयन पर आईएएस रवींद्र कुमार को बधाई दी है।

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पुस्तक के बारे में भारत के पूर्व अटार्नी जनरल सोली जे. सोराबजी का कहना है कि यह पुस्तक जीवन के सपनों को पूरा करने के लिए सकारात्मक रास्तों के बारे में बताती है। इसे लेखक ने सकारात्मक मानसिक चित्रण के नाम से वर्णित किया है। मुझे लगता है कि वर्तमान समय में लोगों को अपने जीवन के सपनों को साकार करने के लिए सकारात्मक मानसिक चित्रण प्रक्रिया को अपनाने की आवश्यकता है।

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रवींद्र कुमार एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी करनेवाले पहले आईएएस अधिकारी हैं। इस रूप में लेखक ने अपनी पुस्तक एवरेस्ट : सपनों की उड़ान-सिफर से शिखर तक के माध्यम से एवरेस्ट को एक भौतिक बाधा की सीमा से बाहर जीवन की समस्याओं के प्रतीक के रूप में चित्रित किया है। इसके साथ ही अग्रवर्ती सकारात्मक मानसिक चित्रण नाम से वर्णित सफलता की अपनी कुंजी को समाज के साथ साझा करते हुए जीवन के विभिन्न एवरेस्ट को पतह करने के नायाब तरीके भी सुझाए हैं। उन्हें बधाई देनेवालों ने माना है कि पुस्तक नई पीढ़ी को प्रेरणा देगी।

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