BJP विधायक के घर से नोचा भाजपाई झंडा, लहराया तिरंगा

यह बहुत सोचनेवाली बात है कि सिर्फ 24 घंटे में ही अग्निपथ के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन भाजपा विरोधी आंदोलन बन गया। युवकों ने तीन जिलों में भाजपाई झंडा नोचा।

कुमार अनिल

बिहार के युवकों ने फिर साबित कर दिया कि उनका प्रदेश राजनीतिक रूप से सजग प्रदेश है। दिल्ली की सीमाओं पर चले किसान आंदोन को भाजपा विरोधी आंदोलन बनने में छह महीने से ज्यादा लगे थे। अग्निपथ के खिलाफ शुरू हुआ बिहार का युवा आंदोलन केवल 24 घंटे में ही भाजपा विरोधी रुझान दिखाने लगा। आज छपरा के भाजपा विधायक के घर पर लगे भाजपाई झंडे को नोच कर उतार दिया और तिरंगा लहरा दिया। यह अकारण नहीं है। युवा आंदोलन के पक्ष में सबसे पहले राजद, कांग्रेस और वाम दल उतरे और आज तो जदयू और जीतनराम मांझी ने भी अग्निपथ का विरोध कर दिया। साफ है केवल भाजपा ही सैनिक भर्ती को ठेके पर देना चाहती है, वह भी केवल चार वर्ष के लिए।

अग्निपथ स्कीम के विरोध में आज छपरा के युवा स्थानीय विधायक डॉ. सीएन गुप्ता के तीन मंजिला मकान पर चढ़ गए और भाजपाई झंडे को उतार दिया तथा तिरंगा लहरा दिया। मकान पर चढ़ने के लिए युवकों ने सीढ़ी नहीं लगाई, बल्कि फौजी की तरह फटाफट छज्जों के सहारे चढ़ गए। ये है उसका वीडियो-

अग्निपथ के खिलाफ आंदोलनकारी युवा आज मधुबनी में भाजपा कार्यालय में घुस गए और अपना जोरदार विरोध जताया। नवादा में भी भाजपा विधायक को आंदोलनकारी युवकों ने घेर लिया। बड़ी मुश्किल से विधायक युवकों से बच कर निकल पाईं।

जो सत्ता चार दिन पहले पैगंबर मोहम्मद के अपमान के खिलाफ आंदोलन कर रहे अल्पसंख्यकों पर बंदूक लहरा रही थी, आज वही सत्ता युवा शक्ति के सामने बदली-बदली दिख रही है। अच्छा है कि पुलिस ने आंदोलनकारी युवाओं के प्रति नरमी बरती है। आखिर सरकार के फैसले का विरोध करना लोकतंत्र में नागरिक का अधिकार है।

बिहार के युवा जानते हैं कि आंदोलन को गैरराजनीतिक बना कर वे कभी इस अग्निपथ स्कीम को वापस नहीं करा सकते। आंदोलन को राजनीतिक रूप देकर ही वे केंद्र सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पर मजबूर कर सकते हैं। और अब तो उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का भी समर्थन मिल गया है। राजद-कांग्रेस-वाम का समर्थन तो पहले से था।

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