अपने-अपने सम्राट अशोक : कुशवाहा ने भाजपा पर खूब छोड़े तीर
कल भाजपा ने सम्राट अशोक की जयंती मनाई,हिंदुत्व से जोड़ा। आज उपेंद्र कुशवाहा ने सामाजिक न्याय पर दिया जोर और हिंदुत्व पर खूब छोड़े तीर।
कुमार अनिल
कल शुक्रवार को भाजपा ने सम्राट अशोक को हिंदुत्व की राजनीति से जोड़ने की कोशिश की। बिहार भाजपा के ट्विटर हैंडल पर अब भी कार्यक्रम का एक वीडियो है, जिस पर ओम लिखे हिंदुत्व का झंडा स्पष्ट दिख रहा है। भाजपा ने सम्राट अशोक को अंखड भारत से भी जोड़ा। भाजपा का अंखड भारत क्या है, पाठक इसे थोड़ा प्रयास करके जान सकते हैं।
आज जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में सम्राट अशोक की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियस हॉल में हुआ। उपेंद्र कुशवाहा ने इशारों-इशारों में भाजपा और उसकी हिंदुत्व की राजनीति पर खूब निशाना साधा। खास बात यह कि जब-जब उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा, हॉल में खूब तालियां बजीं।
कुशवाहा ने अपने भाषण की शुरुआत में ही भाजपा पर जमकर निशाना साधा। कहा, कि एक दल से जुड़े कथित साहित्यकार ने सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से की। हमने इसका पुरजोर विरोध किया। हमने मांग की कि उस आदमी को जो पुरस्कार दिया गया, उसे सरकार वापस ले। उपेंद्र कुशवाहा ने फिर से जोर देकर कहा कि उनकी वह मांग आज भी कायम है और वे अपनी उस मांग को इस मंच से फिर दुहराते हैं।
कुशवाहा के भाषण पर सबसे ज्यादा ताली उस वक्त बडी, जब उन्होंने भाजपा का नाम लेकर उसकी आलोचना की। कहा कि पटना में कुछ पोस्टर लगे हैं, कुछ बयान आए कि उनके दल के दबाव के कारण सम्राट अशोक की जयंती पर नीतीश कुमार ने सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की। कुशवाहा ने जोर देकर और भाजपा का नाम लेकर कहा कि तब नीतीश कुमार की सरकार भाजपा के सहयोग से नहीं चल रही थी। इस पर हॉल में खूब तालियां बजीं।
उपेंद्र कुशवाहा ने जातीय जनगणना, आरक्षण, संविधान की रक्षा पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि पोस्टर लगाने से कोई सम्राट अशोक का वारिस नहीं हो सकता, बल्कि उनके विचार, सिद्धांत को अपनाना होगा।
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