बोचहा चुनाव : तय करेगा पासवान-मल्लाह की भविष्य की राजनीति
बोचहा उपचुनाव का बड़ा महत्व है। यह एक सीट तय कर देगी पासवान व मल्लाह की भविष्य की राजनीति कैसी होगी। इसीलिए तेजस्वी यादव क्षेत्र में पहुंचे। की बड़ी सभा।
कुमार अनिल
बोचहा में उपचुनाव 12 अप्रैल को है। 2020 के विधानसभा चुनाव और आज की परिस्थिति में बड़ा बदलाव है। बोचहा चुनाव ऐसे वक्त हो रहा है, जब चिराग पासवान कह रहे हैं कि उनके पिता की तस्वीर तोड़ दी गई, उनके चित्र पर चढ़ाई माला को जूतों से रौंदा गया, भाजपा ने महापुरुषों का अपमान किया है। वहीं वीआईपी के अध्यक्ष सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी को बिहार मंत्रिमंडल से भाजपा के कहने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बरखास्त कर दिया। सहनी को अपमानित किए जाने से मल्लाह समाज भी नाराज है। इस पृष्ठभूमि में बोचहा का चुनाव हो रहा है। इसलिए इसका बड़ा महत्व है। बोचहा बता देगा कि भविष्य में पासवान और मल्लाह की राजनीति किस करवट लेगी।
इस महत्व को विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भांप लिया है। राज्य के बड़े नेताओं में तेजस्वी पहले नेता हैं, जो आज बोचहा पहुंचे। उनकी आज सभा हुई, जिसमें भारी भीड़ जुटी। भीड़ में उत्साह भी दिखा। लगा ही नहीं कि यह सभा किसी उपचुनाव की है।
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि राजद को ए टू जेड का समर्थन मिल रहा है। विधान परिषद चुनाव में मुजफ्फरपुर से पार्टी के प्रत्याशी शंभु सिंह थे। उनके चुनाव में भूमिहार मतदाताओं का भी समर्थन राजद को मिला है। विधान परिषद की 24 सीटों में राजद ने भूमिहार जाति से पांच प्रत्याशी उतारे थे। चितरंजन गगन ने कहा कि उनके प्रत्याशी अमर पासवान को हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। भाजपा ने अपने सहयोगी वीआईपी की सीट हड़प ली। यहां सीधा मुकाबला है और इस बार राजद एनडीए की यह सीट छीन लेगा।
गगन ने कहा कि बोचहा उपचुनाव नैतिक रूप से भाजपा पहले ही हार चुकी है। लोग देख रहे हैं कि जब तक मतलब रहता है, तब तक भाजपा पूछती है, फिर अपने सहयोगी को ही खा जाती है।
भाजपा ने न सिर्फ लोजपा, वीआईपी को अपमानित किया, बल्कि राज्य के युवाओं, महिलाओं, किसानों सहित हर वर्ग को अपमानित कर रही है।
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