बौद्ध राष्ट्र बनानेवाले राजपक्षे सउदी विमान से भागे सेकुलर सिंगापुर
तमिलों, मुसलमानों, ईसाइयों के खिलाफ नफरत फैलानेवाले राजपक्षे ने पहले मुस्लिम बहुल मालदीव में शरण ली। अब सउदी विमान से पहुंचे सेकुलर सिंगापुर।
कुमार अनिल
सिंगापुर में सात दिन बाद 21 जुलाई को धार्मिक-नस्लीय सद्भाव दिवस मनाया जाएगा। वहां हर साल इस दिन Racial Harmony Day मनाया जाता है। विडंबना देखिए कि श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे अपने देश को धार्मिक देश बनाने के लिए क्या-क्या नहीं कर रहे थे। तमिल, मुसलमान और ईसाई अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत बोते रहे। जब देश से भागे तो पहले उस मालदीव पहुंचे, जहां 98 फीसदी आबादी मुसलमान है। वहां भी विरोध में लोग सड़क पर उतर आए, तो अब भागकर सिंगापुर पहुंच गए हैं। भागने को भी मिला सउदी विमान। सिंगापुर सर्वधर्म समभाव वाला देश है। वहां हर साल धार्मिक-जातीय सद्भाव दिवस मनाया जाता है। धार्मिक-सांस्कृतिक विविधता का सम्मान करने के लिए सिंगापुर जाना जाता है। श्रीलंका को धार्मिक देश बनाने की रणनीति पर काम कर रहे राजपक्षे को विविधता का सम्मान करने वाले देश में शरण लेनी पड़ी है।
श्रीलंका से प्रकाशित द डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार संसद में जनथा विमुक्ति पेरामुना ने कहा कि राजपक्षे के इस्तीफे का इंतजार करना मूर्खता है। संविधान में नया राष्ट्रपति चुनने की व्यवस्था है। पेरामुना के सांसदविजिथा हेराथ ने पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रपति देश छोड़कर भाग गए हैं। इसका सीधा अर्थ है कि राष्ट्रपति का पद खाली है।
इधर आज भी लाखों लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आज भी कई इलाकों में पुलिस के साथ आंदोलनकारियों की झड़प हुई है। आज भी हजारों लोग राजपक्षे के महल में घूमने जा रहे हैं और देख रहे हैं कि बदहाल देश का राष्ट्रपति किस विलासिता से रह रहा था। इस बीच कई न्यूज पोर्टल राजपक्षे के इस्तीफे की बात कह रहे हैं। हालांकि द डेली मिरर ने इस बात की पुष्टि नहीं की है।
BJP : SSP बयान वापस लें, माफी मांगें, RJD : सही कहा, माफी क्यों