जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर बीपीएससी अभ्यर्थियों का नेता बनने के चक्कर में बुरी तरह फंस गए हैं। पहली लाठी खुद खाने का एलान कर चुके प्रशांत किशोर कल शाम लाठीचार्ज से ठीक पहले खिसक गए। इसी के साथ कंबल कांड में भी उनकी फजीहत हो रही है।
कल शाम गांधी मैदान में बीपीएससी अभ्यर्थियों की सभा हुई। इसमें प्रशांत किशोर मौजूद थे। इसकी तस्वीरें भी जन सुराज ने सोशल मीडिया एक्स पर साझा की हैं। सभा के बाद जब सड़क पर प्रदर्शन निकला तो पीके साथ थे, लेकिन ठीक लाठीचार्ज से पहले वे खिसक गए। अभ्यर्थी कह रहे हैं कि हमें लाठी खाने छोड़ कर खुद पीके भाग गए।
अगर प्रशांत किशोर अपने दावे के अनुसार पहली लाठी खाते और छात्रों के साथ अंत तक टिके रहते, तो निश्चित ही वे नायक बन जाते, लेकिन वो हिम्मत वे नहीं दिखा पाए और लाठीचार्ज से पहले ही निकल लिये। इसके बाद से उनकी भारी फजीहत हो रही है।
एक दूसरी फजीहत कंबल कांड को लेकर हो रही है। सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल है, जिसे राजद ने भी एक्स पर शेयर किया है। वीडियो में प्रशांत किशोर कहते सुनाई दे रहे हैं कि कंबल हमसे मांगते हो और ..। यह बोलतने की शैली भी उनकी एहसान वाली है, जैसे वे छात्रों को कंबल देकर एहसान कर रहे हैं। सुबह से यह वीडियो वायरल है, लेकिन जन सुराज ने इसका खंडन तक नहीं किया है। इस वीडियो ने प्रशांत किशोर की इमेज को गहरा धक्का दिया है।
————–
नीतीश-तेजस्वी की मुलाकात, बिहार ही नहीं दिल्ली का सिंहासन भी बदल सकता है!
इधर विपक्षी दलों खासकर राजद, निर्दलीय सांसद पप्पू यादव सहित कई नेताओं ने प्रशांत किशोर को भगोड़ी कहा है। इस बीच खबर है कि पुलिस लाठीचार्ज को लेकर जदयू और भाजपा में भी विवाद हो गया है, लेकिन जदयू में नीतीश कुमार तथा भाजपा प्रधानमंत्री मोदी की नजर में बागी होने को नेता तैयार नहीं हैं। वहीं अभ्यर्थी लाठीचार्ज से झुकने को तैयार नहीं हैं।