BPSC के नवनियुक्त चेयरमैन IAS रवि मनुभाई परमार (Ravi Manubhai Parmar) पर आर्थिक गबन (embezzlement) की FIR दर्ज हो चुकी है। 1992 बैच के IAS रवि मनुभाई परमार (Ravi Manubhai Parmar) को कल ही शुक्रवार को बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) का चेयरमैन बनाया गया है। इससे पहले वे खान एवं भतत्व विभाग के अपर मुख्य सचिव थे। इसी साल नवंबर में उनका कार्यकाल पूरा होनेवाला था, लेकिन उसके पहले ही उन्हें यह महत्वपूर्ण पद दिया गया है।
IAS रवि मनुभाई परमार (Ravi Manubhai Parmar) पर महादलित विकास निगम में आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप में FIR दर्ज हुई थी। उनके साथ तीन अन्य IAS पर भी FIR दर्ज हुई थी। जिन चार आईएएस अधिकारियों पर FIR दर्ज हुई थी उनमें प्रोमोटी अधिकारी रामाशीष पासवान, आईएएस केपी रमैया, एसएम राजू तथा रवि मनुभाई परमार के नाम शामिल थे। यह एफआईआर 2017 में दर्ज हुई थी। मालूम हो कि बिहार सरकार ने महादलित विकास निगम की स्थापना साल 2007 में की थी।
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रवि मनुभाई परमार (Ravi Manubhai Parmar) सहित चारों अधिकारियों पर तब आईपीसी की धारा 406, 409, 420, 467, 468, 471A और 120 B के तहत मामला दर्ज हुआ था, जिसमें महादलितों के लिए रोडियो स्कीम, हेल्प लाइन सेंटर, स्पेशल स्कूल जैसी योजनाओं में आर्थिक गबन (defalcation) का आरोप था।
BPSC के अध्यक्ष की नियुक्ति छह साल के लिए होती है। खान एवं भूतत्व विभाग से पहले परमार कला, एसटी-एसी कल्याण सहित कई विभागों में सचिव, प्रधान सचिव, अपर सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। अब रिटायरमेंट से कुछ महीना पहले उन्हें बीपीएससी का अध्यक्ष बनाया गया है। कल शुक्रवार को ही उनकी नियुक्ति के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी थी।