‘बुलडोजर मॉडल’ के खिलाफ एकजुट हुए तेजस्वी और नीतीश!
देश में शासन का ‘बुलडोजर मॉडल’ आ रहा है। इसके जवाब में बिहार ने मोहब्बत और भाईचारा मॉडल का संदेश दिया। तेजस्वी के इफ्तार में पहुंचे नीतीश और चिराग।
कुमार अनिल
यूपी से शुरू हुआ शासन का बुलडोजर मॉडल मध्य प्रदेश और दिल्ली में भी दिख रहा है। दिल्ली में जिस तरह गरीबों पर बुलडोजर चला, मस्जिद पर चला, वह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट के स्टे लगाने के बाद भी बुलडोजर चलता रहा। यह बुलडोजर तब चला, जहां हाल में सांप्रदायिक हिंसा में मुस्लिमों के खिलाफ हथियार लहराए गए। हिंसक नारे लगाए गए। कहां तो अल्पसंख्यकों के घाव पर मरहम लगाते, तो बुलडोजर लेकर पहुंच गए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कड़ा रुख अख्तियार किया है।
आज बिहार ने बुलडोजर मॉडल के खिलाफ हिंदू-मुस्लिम प्रेम तथा भाईचारे का मॉडल पेश किया। मौका था तेजस्वी के इफ्तार का। इस इफ्तार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे। उनका आवास भी बगल में ही है। वे पैदल चलते हुए तेजस्वी के इफ्तार में पहुंचे। प्रवेश द्वार पर उनका स्वागत करने के लिए तेजस्वी यादव गए और उन्हें साथ भीतर ले आए।
इस इफ्तार में चिराग पासवान भी पहुंचे। चिराग ने नीतीश कुमार के पैर छू कर आशीर्वाद लिये। यह बिहार की राजनीति की नई तस्वीर है।
बिहार में तेजस्वी के इफ्तार की चर्चा तुरत दिल्ली तक पहुंच गई। भाजपा में खामोशी दिख रही है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चार बार विधायक रहे दिल्ली के मुकेश शर्मा ने कहा-इफ्तार की दावत : बिहार में “परिवर्तन” की “आहट” है…।
गौर करनेवाली बात यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हाल के दिनों में कई प्रसिद्ध मजारों पर गए। चादर चढ़ाई। वे पहले भी जाते रहे हैं। आज अरसे बाद वे लालू परिवार के साथ दिखे, तो राजनीतिक अटकलों का दौर तेज हो गया। क्या बिहार बुलडोजर मॉडल के खिलाफ नए समीकरण की आहट दे रहा है?
बुलडोजर के विरुद्ध 20 हजार हिंदू-मुस्लिमों ने दिया मोहब्बत का पैगाम