देश को बंटने नहीं देगा भारत का मुसलमान-अशफाक रहमान
CAB यानी नागरिकता संशोधन कानू बन जाने से एनआरसी में शामिल न हो सके असम के 5 लाख मुसलमानों की नागरिकता खत्म हो जायेगी. जबकि 14 लाख हिंदू नागरिक बन जायेंगे.
CAB यानी सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल को लोकसभा में पेश करने के बाद उसे मंजूरी मिल गयी है. इस बिल के कानून बन जाने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और आफगानिस्तान से आने वाले तमाम गैरमुस्लिम लोगों को भारत की नागरिकता मिल जायेगी. जबकि उन उदेशों से आने वाले मुसलमानों को भारत की नागरिकता नहीं मिल सकेगी.
जनता दल राष्ट्रवादी ने कहा है कि नागरिकता के नाम पर देश को बांटने की साजिश को वह किसी भी हाल में कामयाब नहीं होने देगा. भारत का मुसलमान अब अपने देश को बंटने नहीं देगा. जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय कंवेनर अशफाक रहमान ने कहा है कि यह देश के अंदर धार्मिक उन्माद को भड़काने वाला कानून है. जिससे मुसलमानों के खिलाफ हिंदुओ के अत्याचार में वृद्धि होगी. भगवा सरकार और संघ परिवार की साजिश है कि समाज में साम्प्रदायिक टकराव पैदा करके सत्ता पर कब्जा बनाये रखा जाये. अशफाक रहमान ने कहा कि भारत का मुसलमान इसे किसी भी कीमत पर इस कानून को कुबूल नहीं करेगा.
राष्ट्रव्यापी आंदोलन की तैयारी
जनता दल राष्ट्रवादी इस मुद्दे पर जन आंदोलन का माहौल बनायेगा क्योंकि यह कानून देश को द्विराष्ट्र के सिद्धांत की तरफ ढ़केल देने का फार्मुला है. अमित शाह और आरएसएस इस कोशिश में हैं कि मुसलमान गलती से किसी तरह की मांग करें तो उन्हें गद्दार ठहरा दिया जाये.इसका खतरनाक पहलु यह है कि असम में बनने वाले एनआरसी ( नेशनल सिटिजेन रजिस्टर) 19 लाख से ज्यादा जो लोग विदेशी करार दिये गये हैं उनमें से लगभग 14 लाख हिंदू हैं जिन्हें इस बिल के पास हो जाने से देश की नागरिकता मिल जायेगी.
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जबकि पांच लाख के करीब मुसलमानों को भारत की नागरिकता नहीं मिलेगी. इसका सीधा मतलब यह है कि वैसे पांच लाख मुसलमानों को उनकी जमीन, जायदाद और दौलत से वंचित होना पड़ेगा.
मार-काट भड़काने वाला कानून
अशफाक रहमान ने कहा है कि इस देश में बेरोजगारी बढ़ेगी. एक तो पहले से ही हमारे युवाओं को नौकरी, रोजगार व कारोबार नहीं है और अब बाहरी लोगों को नागरिकता देने से देश में मार काट बढ़ेगा. अशफाक रहमान ने कहा कि देश के अमनपंसद लोगों को पूरी मजबूती से इस कानून के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.
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अशफाक रहमान ने कहा है कि यह कानून देश के मुसलमानों को परेशान करने के साथ मुल्क को तबाही के दहाने तक पहुंचायेगा. अशफाक रहमान ने यह भी कहा कि यह कानून संविधान विरोधी है और अनुच्छेद 14 एंव 21 का उल्लंघन है.
अशफाक रहमान ने कहा कि देश का संविधान धर्म के आधार पर नहीं चल सकता. अशफाक रहमान ने कहा कि इस कानून देश और देश के नागरिकों के वजूद का सवाल खड़ा हो गया है जिसे जनता दल राष्ट्रवादी किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेगा.