बिहार के मुस्लिम संगठनों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक संयुक्त बैठ के बाद नीतीश कुमार से कहा है कि वह नागरिकता संशोधन बिल का राज्य सभा में समर्थन न करें.

मुस्लिम संगठनों ने साफ कहा है कि धर्मनिरपेक्षता और देश की अखंडता की यह पुकार है कि वह नागरिकता संशोधन विध्यक का राज्यसभा में विरोध करें और देश के भाइचारे को बचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायें.

मुस्लिम उलेमा, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की एक आकासमिक बैठक विख्यात सर्जन डॉ. एम.ए हई के आवास पर आयोजित की गयी. इस बैठक में विभिन्न मजहबी व सामाजिक संगठनों के दो दर्जन से जुड़े लोग शामिल थे.

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन विध्यक 2019 को लोकसभा ने पास कर दिया है लेकिन अभी इस बिल को राज्यसभा में मंजूरी मिलनी बाकी है.

इस मीटिंग में शामिल होने वालों में-

डॉक्टर एमए हई- विख्यात सर्जन
मौलाना अनीसुर रहमान कासमी- इमारत शिरया के पूर्व महासचिव
मौलाना फिज़वान इस्लाही- जमाअत इस्लामी के बिहार प्रदेश के अमीर
मोहम्मद इल्यास उर्फ सोनू बाबू चेयरमैन हज कमेटी
शफी मशाहदी- लेखक
अफ़ज़ल हुसैन- अध्यक्ष राबिता कमेटी
सोहैल अहमद- सामाजिक कार्यकर्ता
इर्शादुल हक- पत्रकार
अनवारुल होदा- जमियत उलेमाए हिंद
फैयाज हाली एडवोकेट
सेराज अनवर- पत्रकार
अहमद जावेद- सम्पादक इंकलाब
आबिद हुसैन- सामाजिक कार्यकर्ता
जया उल कमर
लियाक़त अली खान
एजाज हुसैन
जावेद आलम
महताब आलम
डॉक्टर अतहर अंसारी
खुर्रम मालिक
ताल्हा महबूब
मोहम्मद साबिर
शम्स खान
आफाक अहमद
नवाब आलम

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