देश के लिए यह बड़ी खबर है। केंद्र की मोदी सरकार ने जाति गणना कराने का फैसला किया है। इस संबंध में बुधवार को कैबिनेट की हुई मीटिंग में फैसला ले लिया गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में बताया कि केंद्र सरकार ने जाति गणना कराने का फैसला लिया है। याद रहे केंद्र का यह निर्णय बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लिया गया है। माना जा रहा है कि इसके बाद देश की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है।
अब तक भाजपा जाति गणना पर चुप रही है, जबकि उसके समर्थक खुल कर विरोध करते रहे हैं। संसद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस संबंध में सबसे ज्यादा मुखर रहे हैं। देश में भी उन्होंने इसे मुद्दा बना दिया है। इस मुद्दे पर भाजपा हमेशा बैकफुट पर रही है। इस फैसले के बाद इसके पीछे की राजनीति पर चर्चा गर्म हो गई है। केंद्र सरकार के इस निर्णय में कहा गया है कि मुस्लिमों के भीतर की जाति की भी गणना होगी।
भाजपा का सवर्ण जनाधार जाति गणना के विरोध में रहा है। सवाल यह है कि क्या भाजपा का सवर्ण जनाधार इस निर्णय को पचा पाएगा या उसे मोदी सरकार का यह निर्णय नाराज कर देगा। ऐसे कई प्रश्नों का उत्तर आनेवाले दिनों में मिलेगा। वहीं व्यापक पिछड़े समाज में जाति गणना को लेकर सकारात्मक रुख देखा जाता रहा है। अब देखना है कि पिछड़ा समाज क्या फिर से भाजपा के साथ आ जाएगा, जो लोकसभा चुनाव में खासकर उत्तर प्रदेश में उससे अलग होता दिखा था।