चैनलों में अफगान हिंसा की चर्चा, यूपी हिंसा पर बहस नहीं

बंगाल और यूपी में बहुत फर्क है। बंगाल चुनाव के बाद हुई छिटपुट हिंसा सारे टीवी चैनलों पर छायी थी। आज यूपी में अनेक हिंसा की घटनाएं हुईं, चैनल क्या दिखा रहे?

टीवी पत्रकार कृष्णा तिवारी को पीटते अधिकारी (ब्रजेश मिश्रा के ट्वीट से)

आज यूपी में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में जिस तरह हिंसा हुई, वैसी देश में कभी किसी पंचायत चुनाव में नहीं हुई। एक आईएएस अधिकारी ने एक पत्रकार को पीट दिया। एक आईपीएस को एक हमलावर ने थप्पड़ मार दी। अधिकारी हिंसा-मारपीट कर रहे लोगों से हाथ जोड़कर निवेदन कर रहे हैं। मतदाताओं को खेतों में दौड़ाकर पीटने के वीडियो हैं। एक व्यक्ति के अपहरण की कोशिश की गई। उसका भी वीडियो लोगों ने शेयर किया है। गोलियां चलीं। अधिकतर घटनाएं पुलिस के सामने हुई हैं।

बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा की छिटपुट घटनाओं पर कई दिनों इतना टीवी चैनल सीधे ममता बनर्जी से सवाल कर रहे थे। लेकिन यूपी की घटनाओं पर एबीपी न्यूज के पत्रकार कह रहे हैं कि यह राज्य चुनाव आयोग की विफलता है। यही चैनल बंगाल चुनाव में चुनाव आयोग को नहीं, ममता बनर्जी को जिम्मेवार बता रहा था।

थोड़ी देर पहले नौकरशाही डॉट कॉम ने प्रमुख टीवी चैनलों को सर्च किया, तो किसी भी चैनल पर यूपी में हिंसा की खबरों पर चर्चा नहीं हो रही थी। एक चैनल पर अफगानिस्तान में हिंसा पर बात हो रही थी। एक चैनल पर कश्मीर में हिजबुल की गतिविधियों पर बात हो रही थी। एक चैनल में नैनीताल घूमने जाएं, तो क्या-क्या तैयारी करके जाएं, यह बताया जा रहा था। न्यूज 24 पर यूपी में जनसंख्या नियंत्रण के लिए आए आदेश पर बहस हो रही थी। एबीपी न्यूज की एंकर कह रही थी कि पूरे यूपी में भाजपा का डंका बज रहा है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हिंसा की खबर के साथ ट्वीट किया- उत्तर प्रदेश में ‘हिंसा’ का नाम बदलकर ‘मास्टरस्ट्रोक’ रख दिया गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने खुद कुछ नहीं कहा, पर वे हिंसा के वीडियो लगातार रिट्वीट करते रहे।

भारत समाचार के ब्रजेश मिश्रा ने हिंसा के कई वीडियो शेयर किए हैं। उन्होंने एक ट्वीट में कहा-उन्नाव मे ब्लॉक प्रमुख चुनाव की धांधली की कवरेज कर रहे टीवी पत्रकार कृष्णा तिवारी पर सीडीओ ने हमला कर दिया. हमलावर आईएएस अधिकारी है जो नेता के साथ मिलकर पत्रकार को पीट रहा. पत्रकारिता कितना जोखिम भरा है इस वीडियो से आपको यकीन हो जाएगा. सरकारे आएंगी-जाएंगी, लोकतंत्र अमर रहना चाहिए।

By Editor


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