छठ की तैयारी में प्रशासन, पटना DM ने गंगा घाटों का किया निरीक्षण
छठ की तैयारी में प्रशासन, पटना DM ने गंगा घाटों का किया निरीक्षण। गायघाट से दीदारगंज तक सभी घाटों का लिया जायजा। अन्य जिलों के डीएम भी घाटों पर पहुंचे।
पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बिहार के लोकपर्व छठ की तैयारियों का जायजा लेने सोमवार को गंगा घाटों पर पहुंचे। उनके साथ जिला प्रशासन के प्रमुख अधिकारी भी थे। जिलाधिकारी ने गायघाट से लेकर दीदारगंज तक गंगा के छठ घाटों का निरीक्षण किया। गायघाट से दीदारगंज तक के घाटों पर पटना ग्रामीण के व्रती भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। राज्य प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के सभी जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिले की नदियों के किनारे बने घाट अथवा बड़े तालाबों-पोखरों का जायजा लिया। जिलाधिकारियों के साथ हर जिले के पुलिस अधीक्षक भी साथ रहे और कानून-व्यवस्था तथा व्रतियों के आने-जाने वाले रूटों पर सुचारू आवागमन की तैयारियों का अवलोकन किया।
ज़िलाधिकारी, पटना एवं वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना द्वारा वरीय पदाधिकारियों के साथ गंगा नदी के गायघाट से लेकर दीदारगंज तक छठ घाटों का निरीक्षण किया गया। छठव्रतियों एवं श्रद्धालुओं के लिए हर तरह की प्रशासनिक सुविधा उपलब्ध रहेगी। तेज़ी से कार्य किया जा रहा है।@IPRD_Bihar pic.twitter.com/H7kDVSVi6s
— District Administration Patna (@dm_patna) November 13, 2023
व्रतियों के रात में रुकने की व्यवस्था कर रहा जिला प्रशासन
पटना जिलाधिकारी ने मीडिया को बताया कि पटना महानगर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में व्रती और उनके परिजन छठ करने गंगा घाटों पर पहुंचते हैं। शाम को अर्घ्य देने के बाद उनके लिए लौट कर अपने गांव जाना तथा सुबह में फिर वापस आना हमेशा परेशानी का कारण रहा है। इसे देखते हुए इस बार जिला प्रशासन ने छठ घाटों के आसपास व्रतियों और उनके परिजनों के रात्रि विश्राम के लिए यात्री शेड बनाने का निर्णय लिया, जिस पर तेजी से काम चल रहा है। दो से तीन दिनों के भीतर सारी तैयारी पूरी कर ली जाएगी। मालूम हो कि इस वर्ष 17 नवंबर को नहाय खाय तथा 20 नवंबर को पारण है। 19 को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
बिहार का छठ पर्व खासकर पटना का छठ हमेशा विशेष होता है। लाखों की संख्या में गंगा घाटों पर छठव्रती अर्घ्य देने पहुंचते हैं। अन्य जिलों में भी नदियों के किनारे भारी संख्या में व्रती अर्घ्य देने पहुंचते हैं। अन्य प्रदेशों में रोजगार-नौकरी करने वाले बिहार के लोग कई दिनों से ट्रेनों से आ रहे हैं। यह महापर्व राज्य प्रशासन के लिए भी चुनौतीपूर्ण होता है।
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