चिराग के NDA में शामिल होते ही जदयू के संपर्क में आए पारस
चिराग के NDA में शामिल होते ही जदयू के संपर्क में आए पारस। पारस एनडीए छोड़कर इंडिया में आ सकते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर दिया इशारा।
अभी NDA की मीटिंग के 24 घंटे भी नहीं बीते हैं कि उसमें बिखराव की खबरें आने लगी हैं। चिराग पासवान के एनडीए में शामिल होने और हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा कर देने के बाद अब लोजपा के दूसरे गुट के नेता और राम बिलास पासवान के भाई पशुपति पारस के पास एनडीए छोड़कर इंडिया में आने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में कहा कि एनडीए में जल्दी ही टूट होनेवाली है। कुछ लोग छोड़कर इंडिया में आएंगे। अभी नाम बता दिया, तो उनके साथ भाजपा वाले गड़बड़ कर सकते हैं।
राजगीर से लौटकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तुरत राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मिले। दोनों के बीच सिर्फ 15 मिनट बात हुई। माना जा रहा है कि पशुपति पारस को इंडिया में शामिल कराने तथा हाजीपुर से प्रत्याशी बनाने पर दोनों नेताओं में चर्चा हुई।
उधर वीआईपी के मुकेश सहनी को एनडीए बैठक में नहीं बुलाया गया। खबर है कि वे भाजपा से नाराज हैं। अभी यह साफ नहीं है कि वे किधर जाएंगे। उत्तर बिहार के कुछ जिलों में उनका सामाजिक आधार है।
पशुपति पारस पहले भी जदयू के संपर्क में रहे हैं। चिराग पासवान ने 2020 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ जदयू के प्रत्याशियों के खिलाफ ही अपने प्रत्याशी देकर जदयू को भारी नुकसान पहुंचाया था। उसके बाद लोजपा में चिराग पासवान अकेले पड़ गए और पारस के नेतृत्व में पांच सांसद अलग हो गए। बाद में पारस केंद्र में मंत्री बने। इस पूरे घटनाक्रम में जदयू और ललन सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
अब जबकि चिराग पासवान ने खुलेआम हाजीपुर सीट पर दावा ठोक दिया है, तो पारस के लिए मुश्किल स्थिति खड़ी हो गई है। भाजपा का रुख भी चिराग पासवान की तरफ झुका हुआ लग रहा है। ऐसे में पारस के एनडीए से अलग होकर इंडिया का हिस्सा बनने की संभावना बढ़ गई है। अगर पारस एनडीए छोड़ कर इंडिया में शामिल होते हैं, तो वे इस गठबंधन के प्रत्याशी होंगे। इस तरह हाजीपुर में चाचा-भतीजा के बीच जबरदस्त जंग देखने को मिलेगी।
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