चंद्रयान-3 के वैज्ञानिकों को 17 माह से वेतन नहीं
चंद्रयान-3 के वैज्ञानिकों को 17 माह से वेतन नहीं। चंद्रयान के छोड़े जाने पर केंद्र सरकार ने अपनी पीठ थपथपाई, उसके वैज्ञानिकों के घर उधार लेकर जल रहा चूल्हा।
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चंद्रयान-3 छोड़े जाने पर केंद्र की मोदी सरकार ने इसे अपनी उपबल्भि के तौर पर प्रचारित किया। पूरे देश ने जश्न मनाया। प्रधानमंत्री मोदी को बधाइयां दीं। अब खबर आ रही है कि चंद्रया 3 के वौज्ञानिकों को 17 महीने से वेतन नहीं मिला है। उनका घर चलाना मुश्किल हो रहा है। दोस्तों से उधार लेकर किसी तरह घर का चूल्हा जल रहा है।
दैनिक भास्कर में छपी इस खबर ने सबकों चौंका दिया। खबर में बताया गया है कि ISRO ने झारखंड के रांची स्थित HEC को मोबाइल लॉन्चिंग पैड सहित कई उपकरण बनाने का ऑर्डर दिया था। एचईसी ने काम शुरू कर दिया, पर ऑर्डर के अनुसार भुगतान नहीं किया गया। इसके बावजूद कंपनी ने समय से पहले ISRO का ऑर्डर पूरा करके सौंप दिया। एचईसी में जिन कर्मियों और अधिकारियों ने इसरो का ऑर्डर पूरा किया, उन्हें 17 महीने से वेतन नहीं मिला है।
द वायर ने लिखा है कि दुनिया भर के लोगों ने चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग देखी थी। अब खबर आ रही है कि इसका लॉन्चिंग पैड बनाने वाले कर्मियों, इंजीनियरों को एक साल से ज्यादा समय से वेतन नहीं मिला है। समाचार एजेंसी आईएएनएस ने बताया कि रांची में हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) के इंजीनियरों को पिछले 17 महीनों से भुगतान नहीं किया जा रहा है। मालूम हो कि रांची के धुर्वा इलाके में स्थित एचईसी भारी उद्योग मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। यह केंद्र सरकार का उपक्रम है।
सोशल मीडिया पर इस खबर के बाद लोग सरकार की खबर ले रहे हैं। कांग्रेस ने कहा-क्या यही है मोदी सरकार की कर्तव्यपरायणता? यह गर्व नहीं, दुख की बात है। कई संगठनों ने एचईसी के कर्मियों, इंजीनियरों को अनिलंब वेतन दिए जाने की मां गकी है।
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