चुनाव से पहले योगी के करीबी IAS बने चुनाव आयुक्त
अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव है। छह महीना पहले मोदी सरकार ने यूपी के पूर्व मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे को चुनाव आयुक्त बनाया। देशभर में उठे सवाल।
मोदी सरकार ने यूपी विधानसभा चुनाव से छह महीना यूपी के पूर्व मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे को देश का चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया है। इस फैसले पर देशभर में सवाल उठे हैं। लोग अनूप चंद्र पांडे की तस्वीरें साझा कर रहे हैं, जिसमें वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मोदी के साथ दिख रहे हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा- चुनाव आयुक्त के चयन का कार्य एक कॉलेजियम करे, इस संबंध में हमारी याचिका पेंडिंग है। उस पर सुनवाई बिना ही भारत सरकार ने एकतरफा आदित्यनाथ के खास अधिकारी को चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया। हर वैधानिक संस्था को विकृत किया जा रहा है।
भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने ट्वीट किया- 2022 में यूपी में चुनाव है। उससे पहले यूपी कैडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी को ईसी बना दिया गया। पांडे को योगी आदित्यनाथ ने ही चीफ सेक्रेटरी बनाया था। अब 2024 का लोकसभा चुनाव भी इन्हीं की देखरेख में होगा।
कांग्रेस के श्रीवत्स ने कहा-अब साबित हो गया कि भाजपा के चुनाव जीतने के टूलकिट का अभिन्न हिस्सा है चुनाव आयोग।
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अनूप चंद्र पांडे 1984 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। वे 2019 तक यूपी के मुख्य सचिव रहे। इस दौरान राज्य में पुलिस मुठभेड़ में कई अपराधी मारे गए। इन मुठभेड़ों पर सवाल भी उठे। आरोप लगे कि पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर में निर्दोष लोगों को मारा। लेकिन इसे इस रूप में प्रचारित किया गया कि यूपी की योगी सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त है। यूपी में उनकी भूमिका दो देखते हुए भी चुनाव आयुक्त के बतौर उनकी नियुक्ति पर सवाल उठे हैं कि क्या वे अगले साल यूपी चुनाव प्रचार में नफरती भाषणों पर अंकुश लगाएंगे?
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