सिविल सर्विसेज डे पर IAS बोले, कोरोना को हराना है
आज 21 अप्रैल को सिविल सर्विसेज डे है। इस अवसर पर देशभर के IAS अधिकारियों ने कोरोना को हराने का संकल्प दुहराया। कई ने सुभाषचंद्र बोस के इस्तीफे को शेयर किया।
सिविल सर्विसेज डे पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित केंद्र के अनेक मंत्रियों, विपक्ष के नेताओं ने बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। वहीं आईएएस अधिकारियों ने कोरोना को हराने और देश की सेवा का संकल्प दुहराया।
आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष दुर्गा शंकर मिश्रा ने सभी आईएएस को खासकर युवा अधिकारियों को बधाई दी है कि वे सीधे लोगों के बीच रहते हुए कोरोना वायरस के खात्मे के प्रयास में दिन-रात लगे हैं। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक है। इस समय अधिक सजगता, अधिक जोर और अधिक धैर्य की जरूरत है।
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आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के सदस्य होने के नाते हमें आगे बढ़कर खुद उदाहरण पेश करना होगा। हमें देश की जनता की मुश्किलों को कम करने के प्रयास करने होंगे। उन्होंने संस्कृत के एक श्लोक को उद्धृत करते हुए कहा कि अपने कार्य में कुशलता ही योग है।
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अनुज धर ने सुभाषचंद्र बोस के उस पत्र को साझा किया है, जिसमें उन्होंने अंग्रेजी सरकार को इस्तीफा दिया था। उसमें बोस ने यहां तक लिखा था कि अंग्रेज सरकार से उन्हें जो भत्ते मिले हैं, उसे वे इस्तीफा स्वीकृत होते ही अदा कर देंगे। इस्तीफा उन्होंने देश की सेवा करने के लिए दिया था। इस्तीफा देकर वे देश की आजादी के लिए आंदोलन में कूद पड़े। तब उनकी उम्र सिर्फ 24 वर्ष थी।
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स्नेहिल साहू ने सरदार पटेल का कथन ट्विट किया कि अगर देश में अच्छा सिविल सर्विसेज न हो, तो देश की एकता नहीं रह सकती। शक्ति अवस्थी ने कहा, अपनी शक्ति का दुरुपयोग न करें। सच्चाई और न्याय के रास्ते पर बढ़ें।