हिंसाग्रस्त पटना को मिली संजीवनी, अमन पसंदो के शांति मार्च का दोनों समुदायों ने किया स्वागत
पटना के आलमगंज में मूर्ति विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा से अफवाहों और दो समुदायों के बीच अविश्वास के माहौल को खत्म करने के लिए लोकतांत्रिक जन पहल ने शांति मार्च का आयोजन किया.
यह शांति मार्च सुलतानगंज स्थित मलेरिया आफिस से शुरू हो कर गायघाट और शेरशाह रोड तक गया. इसमें सैकड़ों की तादाद में हिंदू-मुस्लिम और ईसाई समुदाय के अमनपसंद लोगों ने हिस्सा लिया.
पुलिस ने हालात काबू में किया
काबिले जिक्र है कि बीते सोमवार की रात मूर्ति विसर्जन जुलूस के आयोजकों में आपसी झड़प ने अचानक साम्प्रदायिक रंग ले लिया था जिसके बाद आलमगंज इलाके में तोड़-फोड़ और पत्थरबाजी शुरू हो गयी. बाद में पुलिस ने मामले को काबू में किया लेकिन उसके बाद दोनों समुदायों के बीच अविश्वास और संदेह का माहौल बढ़ गया. इस कारण बड़े पैमाने पर तनाव था.
लोकतांत्रिक जनपहल ने की टीम ने पहले हालात का जायजा लिया और उसके बाद विश्वास बढ़ाने के लिए शांति मार्च का आयोजन किया. इस आयोजन की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर समुदाय के लोग खुद ही इस मार्च का हिस्सा बनते गये.
लोकतांत्रिक जन पहल के सत्यनारायण मदन, कंचन बाला अफजल हुसैन और इर्शादुल हक ने बताया कि इस मार्च के आयोजन से आलमगंज और सुलतान गंज के दोनों समुदायों के लोगों पर व्यापाक सकारात्मक असर पड़ा है. लोगों में संदेह का माहौल कम हुआ है और विश्वास बढ़ा है. आम लोगों ने भी इस मार्च का व्यापक स्वागत किया.
निकाला शांति मार्च
इस आयोजन में सामाजिक कार्यकर्ता सुधा वर्गिज, नैयर फतमी, आसमा खान, सिस्टर फ्लोरीन, विनोद रंजन, शम्स खआन, अशोक कुमार, प्रवीण मधु, कमाल अशरफ राईन, रुपेश, आर्ति वर्मा, असरफी सदा, गालिब खान,अनवारुल होदा, कीर्ति, मुश्ताक राहत, मुजफ्फर जैदी, बैजु दास, प्रो. वसी अहमद, ताबिश नकी, सुनिता सिन्हा, शहबाज, सिस्टर सिबली, अनुपम प्रियदर्शी, सुरूर अहमद, मोहम्मद आसिफ, नाजनीन बानो, गुलाम सरवर आजाद, महेंद्र यादव, गणेश, मुरारी, इकबाल अहमद,रवि सिन्हा,सतेन्द्र, दयानिधि के अलावा दीगर सामाजिक कार्यकर्ताओं के अलावा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.