कांग्रेस की नीति निर्धारक सर्वोच्च संस्था कांग्रेस कार्य समिति Congress Working Committee ने तीन ऐसे प्रस्ताव पारित की है जो चुनावी माहौल में भाजपा के गली की हड्डी बन सकते हैं

कांग्रेस के ये तीन प्रस्ताव भाजपा के गले की हड्डी बन सकते हैं

कांग्रेस की नीति निर्धारक सर्वोच्च संस्था कांग्रेस कार्य समिति Congress Working Committee ने तीन ऐसे प्रस्ताव पारित की है जो चुनावी माहौल में भाजपा के गली की हड्डी बन सकते हैं

एक तरफ Congress Working Committee ने आरक्षण के मुद्दे को छुआ है तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली जनगणना में जाति गणनना को जोड़ने की मांग की है.

इस तरह देखें तो कांग्रेस ने पहली बार ऐसी मांग कर दी है, जिसका राजनीति पर दूरगामी असर पड़ना तय।

कांग्रेस कार्यसमिति की हैदराबाद बैठक समाप्त हो गई है। पार्टी ने पहली बार ऐसी मांग कर दी है, जिससे देश की राजनीति पर दूरगामी असर पड़ेगा। पार्टी ने एससी-एसटी तथा ओबीसी के लिए अधिकतम 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाने की मांग की है।

इसी के साथ पार्टी ने बिहार मॉडल को अपनाते हुए देशभर में जाति गणना कराने की भी मांग की है।

पार्टी ने Congress Working Committee की बैठक में एक प्रस्ताव पारित करके कहा कि 2021 में जनगणना होनी चाहिए थी। केंद्र सरकार लगातार उसे टाल रही है। यह दलितोंस पिछड़ों तथा कमजोर वर्ग के हितों के खिलाफ है। पार्टी ने प्रस्ताव में कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जाति के गणना के साथ देश में जनगणना कराए। कांग्रेस कार्य समिति ने महिला आरक्षण बिल को भी संसद के विशेष सत्र से पारित कराने की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किया है।

आरक्षण पर कांग्रेस के ये तीनों प्रस्ताव देश की राजनीति के लिए अहम साबित होने वाले हैं। इसी के साथ यह तय हो गया कि पार्टी ने अब सामाजिक न्याय की राजनीति करने का फैसला कर लिया है। इससे पहले रायपुर अधिवेशन में पार्टी ने अपनी सभी कमेटियों में 50 प्रतिशत दलित-पिछड़े और अल्पसंख्यकों के लिए पद आरक्षित कर दिए थे। हैदराबाद बैठक के फैसले को उसी की अगली कड़ी कहा जा सकता है।

मालूम हो कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़. तेलंगाना सहित पांच राज्यों में जल्द ही विधानसभा चुनाव होनेवाले हैं। इसके बाद लोकसभा चुनाव होंगे। इन चुनावों की दृष्टि से कांग्रेस के ये प्रस्ताव भाजपा के लिए परेशानी के सबब हो सकते हैं। बिहार में पहले ही जाति गणना का सवाल बड़ा मुद्दा बन गया है और इस मुद्दे पर भाजपा फंसी हुई दिखती है। वह सनातन धर्म की रक्षा तथा मुस्लिम तुष्टीकरण को मुद्दा बनाना चाहती है। अब चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा के सनातन धर्म वाले मुद्दे के सामने आरक्षण का मुद्दा उठा दिया है।

By Editor


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