कोरोना से बिहार में दूसरी मौत हो गई. यह मौत उसी युवक की हुई जो वैशाली के राघोपुर का रहनेवाला था और सैकड़ों की भीड़ में ओझा से इलाज करवा रहा था.
इस मौत के साथ बिहार में कोरोना से मरने वालों की संख्या दो हो गयी है जबकि बीमारों क कुल संख्या 83 हो गयी है. इससे पहले बिहार में कोरोना से पहली मौत मुंगेर के युवक की हुई थी.
संजय वर्मा
कुछ अस्वस्थता के कारण ओझा गुनी से झाड़ फूंक कराया था. बाद में पांच दिन तक लगातार खुसरूपुर के गन्निचक के सेंट्रल हॉस्पिटल में इलाज कराने के बाद रेफर हो कर पॉपुलर नर्सिंग होम में कल भर्ती हुआ था.
कोरोना डिटेक्ट होने के बाद एम्स में भर्ती किया गया. आज उसकी दोपहर में मौत हो गई। जबकि इसके तीन परिजन जीवन मौत से एम्स में जूझ रहे हैं.
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बताया जाता है कि 35 बर्षीय युवक 22 मार्च को बीमार हुआ था और कब संक्रमित हुआ यह किसी को नही मालूम हुआ.
इस युवक के परिजन इसकी झाड़फोक व ओझागुणी से इलाज करवा रहे थे. उन्हें कोरोना के बारे में जानकारी नहीं थी.
ओझा गुणी से इलाज के दौरान 200 से ज्यादा भीड़ इकट्ठी होती थी. जिस अस्पताल में इलाज होता रहा दो दर्जन स्टाफ मरीज होता था. युवक जिस परिवार के यहां ठहरा वहां भी दर्जन भर लोग थे. ये सब जब उसके संपर्क में आये और जब इन संपर्कियो का संपर्क अन्य से हुआ होगा तो समझ सकते हैं कि कितना विस्तार हुआ होगा. सरकार और मेडिकल टीम अब इस बारे में पता करने में जुटी है.
बहरहाल सवाल है कि केंद्र से लेकर देश के सभी राज्यो में हाई अलर्ट अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही. लॉक डाउन है तो फिर इस आ बैल मुझे मार वाली हालत के लिये कौन ज़िम्मेवार है. थाना पुलिस शासन प्रशासन सरकार या कोई और.