एक बड़े अखबार ने ‘भैंस मांस’ के नाम पर विदेशों में अवैध रूप से ‘गोमांस’ का निर्यात करने की खबर छापी है, पर उसने चतुराई से निर्यातकों का नाम छुपा लिया, लेकिन नौकरशाही डॉट कॉम ने इन आरोपी अंतरराष्ट्री स्मॉगलरों के नाम का पता लगा लिया है. आप भी जानिये.
इन आरोपी स्मगलरों के नाम पवन चंद और रमेश चंद हैं.
इकोनामिक टाइम्स में छपी इस खबर को टााइम्स ग्रूप के हिंदी अखबार नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर भी छापा गया है. खबर में बताया गया है कि वर्टेक्स एग्री प्रॉडक्ट्स के मालिक के नाम पर लुक आउट नोटिस और अरेस्ट वारंट जारी किये गये हैं. अखबार ने इस कम्पनी के मालिकान का नाम छुपा लिया है. लेकिन नौकरशाही डॉट काम ने जब इस कम्पनी की प्रोफाइल को चेक किया तो पता चला कि इस कम्पनी के दो डायरेक्टर हैं- पवन और रमेश चंद. वर्टेक्स एग्री प्रोडक्टस प्राइवेट लिं नामक यह कम्पनी दिल्ली में स्थित है.
जबकि एक अन्य फर्म ग्लोबल फूड इंटरनेशनल के मालिकान या डायरक्टरों के बारे में पता नहीं चल पाया है. हालांकि इस कम्पनी की वेबसाइट पर एक सम्पर्क नम्बर 9873706070 दर्ज है. पर खबर लिखे जाने तक यह नम्ब स्विच ऑफ बता रहा था.
याद रहे कि पिछले कुछ वर्षों में गोमांस या गाय तस्करी के आरोप में राजस्थान, यूपी समेत अनेक राज्यों में उग्र भीड़ द्वारा पीट कर मार डालने की घटनायें सामने आती रही हैं. इस घटना के शिकार या तो मुसलमानों या दलितों को बनाया जाता रहा है.
गौरतलब है कि भारत भैंस के मीट का सबसे बड़ा निर्यातक है, लेकिन देश में गोमांस के निर्यात पर प्रतिबंध है और यह एक अपराध है।
इकोनामिक टाइम्स में राघव ओहरी की रिपोर्ट के अनुसार भैंस के मीट के लेबल वाले कंसाइनमेंट को जब्त करने के बाद राज्यों की एजेंसियों ने फॉरेंसिक साइंस लैबरेटरी (FSL) के पास सैंपल भेजे थे। नौ मामलों में से सात में FSL ने सैम्पल के गोमांस होने की पुष्टि की है। सूत्रों ने बताया कि इस मामले में एक दर्जन से अधिक एक्सपोर्ट कंपनियां शक के घेरे में हैं। दिल्ली की दो कंपनियों- वर्टेक्स एग्री प्रॉडक्ट्स और ग्लोबल फूड इंटरनैशनल कॉर्पोरेशन के खिलाफ विभिन्न राज्यों में लगभग आधा दर्जन मामले चल रहे हैं। वर्टेक्स एग्री प्रॉडक्ट्स के मालिक के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट और लुक आउट नोटिस जारी किए गए हैं।
इकोनामिक टाइम्स को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये दो कंपनियां पहले भी गोमांस के निर्यात में शामिल रही हैं। उनका कहना था, ‘गोमांस के प्रसंस्करण और व्यापार के लिए इनके खिलाफ 2016 में कार्रवाई शुरू की गई थी। इन कंपनियों का कंसाइनमेंट कोलकाता एयरपोर्ट से भी जब्त हुआ था।
APEDA ने निर्यातकों को दिए कारण बताओ नोटिस
ऐग्रीकल्चरल ऐंड प्रोसेस्ड फूड एक्सपोर्ट डिवेलपमेंट अथॉरिटी (APEDA) ने ईटी को बताया है कि उसे गैर कानूनी तरीके से निर्यात करने में शामिल कुछ निर्यातकों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं। APEDA ने कहा, ‘इन एक्सपोर्टर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। कुछ मामलों में कारण बताओ नोटिस का कोई जवाब नहीं मिला है।’ APEDA ने बताया कि उसने तीन कंपनियों के रजिस्ट्रेशन और मेंबरशिप सर्टिफिकेट अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिए हैं।