पुणे में अपने क्षेत्र के मजदूरों की दर्दनाक मौत पर बिलख के रो पड़े विधायक,कहा हम विपदना में हैं साथ
पुणे में दीवार गिरने से बिहार के पंद्रह मजदूरों में से अकेल 12 लोग विधायक महबूब आलम के विधान सभा क्षेत्र से थे.
भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने महराष्ट्र के पुणे में अत्यधिक बारिश के कारण बलरामपुर विधानसभा के 12 मजूदरों की दर्दनक मौत पर गहरा दुख वयक्त किया है और बिहार सरकार से मृतक परिजनों को 10 लाख रुपये तथा घायलों को बेहतर इलाज सहित 4 लाख रुपये तत्काल उपलब्ध करवाने की मांग की है.
सभी मृतक महिसाल पंचायत के हैं. उन्होंने पटना में पहले से तय अपने कार्यक्रम को बीच में रद्द कर दिया और अपने विधानसभा पहुंच गए. उन्होंने कहा कि भयानक विपदा व दुख की घड़ी में हमारी पार्टी पीड़ित परिजनों के साथ खड़ी है.
यह भी पढ़ें-मक्के के फसल में दाना नहीं आने के मामले में माले का हंगामा
बिहार सरकार द्वारा की गई घोषणा पूरी तरह अपर्याप्त है.
माले विधायक महबूब आलम ने कहा है कि इस मामले में हम किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतेंगे. यह केंद्र-राज्य की असफलता ही है कि आज भी सीमांचल व पूरे बिहार के मजदूर रोजी-रोटी की तलाश में दर-ब-दर की ठोकरे खा रहे हैं.
पलायन का नीतीश का दाव विफल
केंद्र व राज्य द्वारा पलायन रोकने के बड़े-बड़े दावे के बावजूद मजदूरों का पलायन पहले से कहीं और अधिक बढ़ गया है और वे पूरी तरह एक असुरिक्षत जीवन व्यतीत करते हैं. सीमांचल का इलाका लंबे अर्से से बिहार सरकार की घोर राजनीतिक उपेक्षा का दंश झेल रहा है, जहां भीषण गरीबी है. बिहार में उद्योग धंधों की भारी कमी होने के कारण ही लोग जीविकोपार्जन के लिए बाहर के प्रदेशों की ओर पलायन कर रहे हैं.
यह काफी चिंताजनक है. यदि कटिहार शहर के जूट फैक्टरी, कांटी फैक्टरी, साबुन फैक्टरी, माचिस फैक्टरी आदि को चालू किया जाता तो इस पलायन को और इस प्रकार के हादसे को रोका जा सकता था.
विधायक महबूब आलम एक जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और वह आम लोगों के साथ जुड़े हैं.