दबाव में मायावती, BSP में INDIA गठबंधन से तालमेल की उठी आवाज
दबाव में मायावती, BSP में INDIA गठबंधन से तालमेल की उठी आवाज। बसपा के कई बड़े नेताओं ने कहा गठबंधन होने से ही बचेगी पार्टी। अकेले लड़ना आत्मघाती।
अब तक बसपा प्रमुख मायावती इंडिया गठबंधन से दूरी बना कर चल रही हैं। उन्होंने अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। अब तक स्थित यह रही है कि मायावती ने जो कह दिया, वही पार्टी की लाइन हो गई। अब पहली बार मायावती को अपने भीतर से चुनौती मिली है। पार्टी के कई नेताओं ने साफ-साफ कह दिया है कि इंडिया गठबंधन के साथ जाने से ही पार्टी को फायदा होगा। अगर पार्टी अलग से चुनाव लड़ेगी, तो इससे भाजपा को चुनावी फायदा होगा। पार्टी नेताओं ने यह भी कहा कि सिर्फ जाटव वोटों से जीत नहीं हो सकती। अन्य वर्गों का वोट पाने के लिए गठबंधन करना जरूरी है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक बसपा के कई नेताओं ने कहा कि पार्टी को अलग चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। इंडिया गठबंधन के साथ मिल कर चुनाव लड़ना चाहिए। अखबार ने लिखा है कि जौनपुर के सांसद श्याम सिंह यादव ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है कि बसपा को भाजपा के खिलाफ संगठित होना चाहिए। हालांकि मायावती जो तय करेंगी, वे उसका पालन करेंगे।
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक बसपा के कई नेताओं ने कहा कि पार्टी को अलग चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। इंडिया गठबंधन के साथ मिल कर चुनाव लड़ना चाहिए। अखबार ने लिखा है कि जौनपुर के सांसद श्याम सिंह यादव ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है कि बसपा को भाजपा के खिलाफ संगठित होना चाहिए। हालांकि मायावती जो तय करेंगी, वे उसका पालन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के विभाजित रहने से भाजपा को चुनावी लाभ होगा।
एक अन्य सांसद ने कहा कि 2019 में हमारे दस सांसद जीते। इसकी वजह सपा और रालोद से तालमेल था। इस बार विधानसभा में हम अकेले लड़े और सिर्फ एक सीट जीत सके। अगर हम अकेले लड़े, तो मुस्लिम वोट हमें नहीं मिलेगा। वह इंडिया गठबंधन के साथ एकजुट हो जाएगा।
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