दिल्ली से बोले किसान नेता, सीतामढ़ी में दर्ज मुकदमा वापस लो
संयुक्त किसान मोर्चा ने सीतामढ़ी के किसानों पर एफआईआर करने की निंदा की। मुकदमा वापस लेने की मांग की। मुकदमा आंदोलन में शामिल होने के कारण दर्ज किया गया।
आज संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी करके सीतामढ़ी में आंदोलनकारी किसानों पर मुकदमा करने की कड़ी आलोचना की है। ये मुकदमा किसान आंदोलन के दौरान राष्ट्रव्यापी रेल रोको में शामिल होने के कारण दर्ज किया गया। सीतामढ़ी के 15 से ज्यादा किसान नेताओं पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमा 18 फरवरी को दर्ज किया गया।
किसान मोर्चा ने आज जारी बयान में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को कोर्ट द्वारा बेल दिए जाने का स्वागत किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने बेल देने वाले न्यायाधीश की खुलकर सराहना की है। जज धर्मेंद्र राणा ने बेल देते हुए कहा था कि सरकार के कदमों का विरोध करने का अधिकार हर नागरिक का है। उन्होंने टूलकिट में भी ऐसा कुछ नहीं पाया, जिसे देशविरोधी कहा जा सके।
संयुक्त किसान मोर्चा ने भाकपा माले के दिल्ली प्रदेश के सचिव रवि राय को पुलिस द्वारा प्रताड़ित करने की भी निंदा की है। मालूम हो कि आज संयुक्त किसान मोर्चा ने दमन विरोधी दिवस का आयोजन किया।
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आज भी किसान नेताओं ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में किसान महापंचायत की। किसान नेता राकेश टिकैत आज आगरा में थे, वहीं नरेश टिकैत ने बाराबंकी में किसान महापंचायत की।
किसान आंदोलन का दायरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। अब तो सभाओं में खुलकर भाजपा के नेतृत्ववाली मोदी सरकार के खिलाफ नारे लग रहे हैं। इसने भाजपा की परेशानी बढ़ा दी है। दो दिन पहले भाजपा कार्यकर्ता और किसानों में झड़प भी हुई। अब कई गांवों में ऐसे बोर्ड दिखने लगे हैं, जिसमें लिखा होता है कि इस गांव में भाजपा के नेताओं का प्रवेश वर्जित है। इस तरह अब पंजाब और हरियाणा ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा भी भाजपा के लिए परेशानी का कारण बनता जा रहा है।