देश की पहली मुस्लिम महिला टीचर फातिमा को बिहार ने किया याद

देश की पहली मुस्लिम महिला टीचर को बिहार ने किया याद

जब साझी विरासत को समाप्त करने का प्रयास हो रहा हो, तब फातिमा शेख को याद करने का महत्व बढ़ जाता है। बिहार के कई जिलों में जुलूस निकाल कर मनी जयंती।

देश की पहली मुस्लिम महिला टीचर फातिमा शेख की उतनी चर्चा नहीं होती, जितनी होनी चाहिए। सोमवार को उनकी जयंती के मौके पर भाकपा माले से संबंद्ध महिला संगठन एपवा ने बिहार के कई जिलों में फातिमा शेख को याद करते हुए जुलूस निकाले तथा उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट किया। अरवल, पटना जिले के पालीगंज, दरभंगा सहित कई स्थानों पर एपवा की महिला कार्यकर्ताओं ने फातिमा शेख की जयंती के मौके पर जुलूस निकाले, गोष्ठी व सभा की। सोशल मीडिया में दलित, अल्पसंख्यक तथा वाम दलों ने उन्हें याद किया है।

फातिमा शेख महाराष्ट्र के पुणे की रहने वाली थीं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं के प्रवेश के लिए संघर्ष करनेवाली सावित्री बाई फुले के साथ मिल कर लड़कियों के लिए देश का पहला स्कूल खोला। यह स्कूल फातिमा शेख के घर में खोला गया था। सावित्री बाई फुले तथा शेख फातिमा ने मिल कर लड़कियों के लिए स्कूल तब खोला, जब शिक्षा का अधिकार केवल सवर्ण पुरुषों को था।

भाकपा माले के बिहार सचिव कुणाल ने ट्वीट किया-शिक्षा रोजगार अधिकार अभियान(3–9, जनवरी 23) सावित्री बाई फुले और फातिमा शेख की साझी विरासत को आगे बढ़ाओ! जाति–धर्म में नहीं बंटेंगे, शिक्षा–बराबरी के लिए संघर्ष करेंगे! फातिमा शेख के जन्म दिन (9 जनवरी 1831) पर ऐपवा का मार्च।

पटना जिले के पालीगंज के विधायक संदीप सौरभ ने ट्वीट किया-फ़ातिमा शेख़ की जयंती के अवसर पर आज पालीगंज भाकपा माले कार्यालय में महिला संगठन AIPWA (अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संगठन) द्वारा सावित्रीबाई फुले और फ़ातिमा शेख़ की साझी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया! संदीप ने फोटो भी शेयर किए हैं। दरभंगा में भी फातिमा शेख के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए कार्यक्रम हुए।

राहुल से मिले राकेश टिकैत, चाय को ट्रोल्स दिखा रहे शराब

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*